परिचय:- सिरैमिक्स जिसे चीनी मिट्टी भी कहते हैं एक प्रकार की मिट्टी है जो कठोर, झरझरा और भंगुर होता है। नतीजतन, उनका उपयोग बर्तनों, सजावट का साजो सामान, टाइलों, ईंट, खपरैल, सीमेंट, कांच अदि बनाने के लिए किया जाता है। इसके बर्तन एवं अन्य सजावटी सामान देखने में बहुत आकर्षित और चमकदार होते हैं जिस वजह से उनका बाजार में बहुत मांग है।
प्रशिक्षण:- चीनी मिट्टी के बर्तन बनाना एक कला है क्यूंकि उसे सही आकार देकर ही बेचा जा सकता है। इसके लिए क्राफ्टिंग/शिल्पकला के बारे में बातें सीखने के लिए आप सिरेमिक में स्नातक डिग्री प्रोग्राम कर सिरेमिक प्रशिक्षण कार्यशालाओं में भाग लेकर अभ्यास कर सकते हैं।
योजना:- इस उद्योग में बहुत कम खर्च है जैसे कि कच्चा माल, जगह का किराया, बिजली, बिमा और भट्ठा जलाने के खर्चे। वैसे तो उद्योग में लगने वाले निवेश आपकी उद्योग के आकार पर निर्भर करता है लेकिन इस उद्योग में एक खास बात है की लोगो में इसकी मांग बहुत है जिस वजह से यह बाजार में महंगे बिकते हैं। अगर आप यह काम अच्छे से सीख के अच्छे गुण और डिज़ाइन के बर्तन बनाते हैं तो यह व्यापार आपके लिए बहुत ज्यादा मुनाफा दे सकता है।
सामग्री और उपकरण:- इस उद्योग को शुरू करने के लिए आपको चिकनी मिट्टी, हाथ के उपकरण, नक्काशी और सजावट के उपकरण, पहिया, ईटों का गारा बनाने वाली मशीन, शीशे का आवरण स्टॉक्स अदि की जरुरत होगी जो आप ऑनलाइन या बाजार से भी खरीद सकते हैं। इसके साथ ही आपको भट्ठा की भी जरुरत होगी।
जगह:- इस उद्योग को आप अपने घर से भी शुरू कर सकते हैं या फिर जगह किराए पर भी ले सकते हैं। व्यापर दूर स्थापित करने से आपका खर्चा बच सकता है इसीलिए यह सलाह दी जाती है की अपना उद्योग ऐसे जगह स्थापित करे जहाँ से सामान आसानी से बेचा जा सके।
प्रक्रिया:- बर्तन बनाने के लिए सही प्रकार की मिट्टी का चयन करे। जो मिट्टीयां आकार में सरलता से नहीं ढलती हैं, इनको पुनः एक गेंद जैसा बनाकर, फिर आकार दिया जाता है।
चीनी मिट्टी के बर्तन को बनाने के लिए सबसे पहले उसमे पानी डाल के अच्छे से गिला कर उसे जरुरत के अनुसार पहिया के माध्यम से थाली, गिलास, कटोरा या फिर कोई अन्य सामान का आकार दे दे। कुछ आकर आप अपने हाथ से भी बना सकते है।
फिर उन्हें एक भट्ठी 12 घंटे के लिए 850° तापमान पर गर्म कर दिया जाता है जो मिट्टी से सभी पानी सोख उसे मजबूत कर देती है। 48 घंटे तक तापमान को कम होने दें और उसके बाद बाद जब तापमान ठंढा हो जाये तो पॉटरी को भट्ठी से निकाल दे। अगर आपके बनाये आकार की सतह खुरदुरी है, तो 100 ग्रिट रेगमाल या रसोई के छीलन वाले चाकू के किनारे से उसे चिकना कर लें।
इसके बाद अपने बर्तन या अन्य सामान पर पेंदी को रोगन से बचाने के लिए मोम का लेप कर दें और उसे अपने हिसाब से सजा दे। इनको रंगने के लिए आप ब्रश से, स्पंज से, उकेरकर, रंग में डुबो के या अन्य किसी तरीके से कर सकते है।
रंग को आकार पर सील करने के लिए उसे फिर से लगभग 11480° सेल्सियस पर गरम करे। भट्ठी में अनुपयुक्त ढंग से रखे होने के कारण अगर उसके आकार में कोई बदलाव आया हो तो उसे ठीक कर ले।
पैकेजिंग:- चीनी मिट्टी के बर्तन कांच के समान नाजुक होते है जिस वजह से इनकी पैकिंग भी बहुत ध्यान से करनी होती है। इसकी पैकिंग ज्यादातर गत्ते की बॉक्स में थर्माकोल/कागज के इस्तेमाल के साथ की जाती है।
ब्रांड एवं मार्केटिंग:- अपने उद्योग को एक नाम दे और उसकी मार्केटिंग करे जिससे बाजार में आपका नाम बन सके जो कि व्यापार बढ़ने के लिए बहुत जरुरी होता है। अगर आपके सामान अच्छे होंगे तो जल्द ही आप उनको बाहरी देशों में भी बेच सकते है।
लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन:- कंपनी के आकार के अनुसार व्यापार को पंजीकृत, एसएसआई यूनिट में पंजीकृत, फैक्ट्री लाईसेंस, बीमा आदि की जरुरत होती है। इसके अलावा नगर पालिका, महानगर पालिका, ग्राम पंचायत, दमकल विभाग से लाइसेंस, विकस खंड आदि से अनुमति की जरुरत होगी। यदि आप भविष्य में अच्छा निर्यात करने का इरादा रखते हैं तो आपको निर्यात से संबंधित लाइसेंस की भी आवश्यकता होगी।
कहाँ बेंचे:- आप अपने बनाये गये बर्तन को बर्तन की बाजार में या ऑनलाइन, होलसेल या फिर रिटेल में बेचा सकते है। ऑनलाइन मार्केट की वजह से आप अपने सामान को विदेश भी आसानी से निर्यात कर पाएंगे।
मैं चीनी मिट्टी का उधोग करना चाहता हूँ, मैं पढ़ा लिखा हूँ मैं आत्मनिर्भर होना चाहता हूँ। मुझे
चीनी मिट्टी के उधोग के बारे में बारीकी से जानना है।
Thanks for the valuable information with us.
Hii sir