चौलाई की खेती, फायदे एवं व्यापारिक लाभ।

परिचय:- चौलाई का वनस्पतिक नाम ऐमारेन्थस ट्राईकलर है और यह ऐमारेन्थेसी कुल का है। चौलाई गर्म मौसम में उगाये जाने वाली एक पत्तियों वाली सब्जी है, जिसे भारत के अलावा दक्षिणी एवं मध्य अमेरिका, दक्षिणी पूर्वी एशिया, पश्चिम अफ्रीका और पूर्वी अफ्रीका में भी उगाया जाता है। इसकी खेती ज्यादातर हिमालय क्षेत्रों में की जाती […]

चायोट की खेती, फायदे तथा व्यापारिक लाभ।

परिचय:- चायोट ककड़ी वंश के सदस्य की सब्जी है जिसे वेजिटेबल नाशपाती, मर्लिटोन, चोको और कस्टर्ड मैरो आदि के नाम से भी जाना जाता है। यह लैटिन अमेरिका, विशेष रूप से दक्षिणी मेक्सिको और ग्वाटेमाला का मूल निवासी है, लेकिन अब फ्लोरिडा, लुइसियाना, दक्षिण-पश्चिमी संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, नेपाल और कई अन्य देश में भी […]

बटरनट स्क्वाश की खेती, फायदे तथा व्यापारिक लाभ।

परिचय:- बटरनट कुकुर बिटास और कद्दू के परिवार से संबंधित है, इसलिए इसे बटरनट कद्दू के नाम से भी जाना जाता है। वैसे तो यह एक फल है लेकिन इससे सबजी की तरह भी इस्तेमाल किया जाता है। इसका छिलका टैन-पीला रंग और गुदा नारंगी होता है और इसका स्वाद कद्दू-अखरोट जैसा मीठा होता है। […]

स्विस चार्ड की खेती, फायदे तथा व्यापारिक लाभ।

परिचय:- स्विस चार्ड चुकंदर के परिवार का सदस्य है जिसको उसके चमकीले और रंगीन तनों के लिए जाना जाता है। इसके तने पीला, गुलाबी, लाल, नारंगी और सफेद रंगो के होते हैं। इसके पत्ते और तने दोनों को कच्चा या पका के खाया जाता है। इस्तेमाल:- ताजा स्विस चार्ड को कच्चा सलाद, टॉर्टिला रैप, सूप […]

कोलार्ड ग्रीन्स की खेती, फायदे तथा व्यापारिक लाभ।

परिचय:- कोलार्ड सबसे पौष्टिक सब्जियों में से एक है, जो गोभी परिवार से संबंधित है लेकिन वे सिर नहीं बनाते। इन्हे इनकी ढीले ढाले, बड़े, गहरे हरे पत्तियों के लिए उगाया जाता हैं। एक बार पौधा लगाने के बाद साल भर पैदावार मिल सकता हैं, लेकिन पहले ठंढ के बाद ठंडे महीनों में खाने में […]

कुंदरू की खेती, फायदे तथा व्यापारिक लाभ।

परिचय:- कुंदरू एक ऐसी सब्जी है जिसे एक बार लगाने के बाद इसकी बेल 4-5 साल तक फल देती है। इसके बेल करीब 3 से 5 मीटर तक लंबी होती है और यह झाड़ी के सहारे फैलती है। पहले कुंदरू की खेती एशिया और अफ्रीका के कुछ ही देशों में होती थी लेकिन अब सभी […]

आर्टिचोक की खेती, फायदे तथा व्यापारिक लाभ।

परिचय:- आर्टिचोक एक दुष्प्राप्य सब्जी है, जो ज्यादातर दक्षिण अमेरिका, दक्षिण और मध्य यूरोप, उत्तरी अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया में पाया जाता है। यह एक एस्ट्रोव परिवार का शाकाहारी, बड़े पुष्पक्रम वाला, बारहमासी पौधा है। अपने परिपक्व रूप में, इसका फूल एक थीस्ल जैसा दिखता है जो खिलकर बैंगनी या नीले रंग का हो जाता है। […]

ज़ुकिनी की खेती, फायदे तथा व्यापारिक लाभ।

परिचय:- ज़ुकिनी जिसे चप्पन कद्दू भी कहा जाता है, की बुआई अप्रैल या फिर नवंबर-दिसंबर में की जाती है। यह कद्दु वर्ग की सब्जी है जिसकी पहले सिर्फ विदेशों में ही खेती होती थी लेकिन अब भारत में भी होने लगी है। इसके पौधे झाड़ियों के जैसे होते हैं, ज़ुकिनी 1.5 से 3 फीट लम्बे […]

ब्रुसेल्स स्प्राउट की खेती, फायदे तथा व्यापारिक लाभ।

परिचय:- ब्रुसेल्स स्प्राउट गोभी वर्गीय की सब्जी है जिसको छोटा पत्ता गोभी भी कहते हैं। इसके पौधे का विकास होने पर पत्तियों की गांठों से छोटे-छोटे बन्द गोभी निकलती है, जो बड़े होके 50-100 ग्राम तक के हो जाते हैं। इसका इस्तेमाल सलाद और सब्जी की तरह किया जाता है। इसकी खेती ज्यादातर यूरोप, जापान, […]

लेट्यूस की खेती, फायदे तथा व्यापारिक लाभ।

परिचय:- लेट्यूस को सलाद की तरह कच्चा खाया जाता है इसलिए इसकी खेती को सलाद की खेती भी कहा जाता है। इसे सैंडविच और सूप बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। विश्व में लेट्यूस की सबसे ज्यादा खेती चीन में की जाती है। इसकी ज्यादातर खेती इसके पत्तो के लिए होती है, लेकिन कई बार […]

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