ईसबगोल के खेत की तैयारी, फायदे एवं व्यापारिक लाभ।

परिचय:- ईसबगोल जिसे अंग्रेजी में प्लांटैगो ओवेटा कहा जाता है, एक झाड़ीनुमा औषधीय फसल है जिसका इस्तेमाल रंग-रोगन, आइस्क्रीम और अन्य चिकने पदार्थों को बनाने में किया जाता है। ‘इसबगोल’ नाम एक फारसी शब्द से निकला है जिसका मतलब होता है घोड़े की काना और इसकी पत्तियाँ कुछ वैसा ही दिखने में लगती है जिस […]

कमल की व्यापारिक खेती, पैदावार एवं लाभ।

परिचय:- कमल एक ऐसा फूल जो कि तालाब और झील के गंदे पानी में उगता है। लेकिन ऐसा जरुरी नही है, इसकी खेती कृत्रिम तरीके से खेत में भी की जा सकती है बस उस खेत में पानी जमा होना चाहिए। इसका फूल गुलाबी या सफेद रंग का और पत्ते गोल, ढाल के जैसे होते […]

जैतून की खेती एवं किस्में, फायदे तथा व्यापारिक लाभ।

परिचय:- जैतुन यानी की औलिव ओलीसी परिवार में छोटे पेड़ की एक प्रजाति है जिसकी खेती भूमध्यसागरीय, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, उत्तर और दक्षिण अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका, भारत आदि में की जाती है। जैतून का पेड़ छोटा और स्क्वाट होता है, और शायद ही कभी ऊंचाई में 8-15 मीटर से अधिक होता है और इसकी फल […]

धान की खेती में होने वाले रोग एवं उचित रोकथाम।

परिचय:- भारत में धान एक प्रमुख खाद्यान्न फसल है, धान की खेती लगभग 450 लाख हैक्टर क्षेत्रफल में की जाती है। सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि धान दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी को भोजन प्रदान करती है। इसकी खेती करते समय इन पे कई तरह के रोग और किट की समस्या देखने को […]

गुलमेहंदी की खेती, फायदे तथा व्यापारिक लाभ।

परिचय:- गुलमेहंदी जिसे अंग्रेजी में रोज़मेरी कहा जाता है एक सुगन्धित जड़ी-बूटीक पौधा है, भारत में इसकी खेती हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर जैसे ठंडे जलवायु वाले जगहों में की जा रही है। यह पुदीना परिवार लैमियेसी की सदस्य है और इसके पत्ते सुई के आकार के, ऊपर से हरे और नीचे से रोमिल सफेद […]

ओरिगैनो की खेती, फायदे तथा व्यापारिक लाभ।

परिचय:- ओरिगैनो टकसाल परिवार लैमियासी का एक बारहमासी पौधा है जो भूमध्य क्षेत्र का मूल निवासी है, लेकिन उत्तरी गोलार्द्ध में भी उगाया जा सकता है। इसके फूल गुलाबी-बैंगनी या सफेद रंग के होते हैं और इसका स्वाद अजवायन के फूल जैसा तेज और मजबूत होता है। हालांकि इसे ठंडे मौसम में वार्षिक फसल के […]

अजमोद की खेती, किस्में तथा व्यापारिक लाभ।

परिचय:- अजमोद जिसे अंग्रेजी में पार्सले कहा जाता है, अपियासी परिवार की प्रजाति की एक जड़ी बूटी है, जिसकी सब्जी के रूप में भी खेती की जाती है। यह ठंडे मौसम की फसल है, जो समृद्ध, नम मिट्टी में अच्छे से उगाया जा सकता है। यह उपोष्णकटिबंधीय और उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों का वार्षिक जड़ी बूटी है। […]

गिलोय की खेती, फायदे तथा व्यापारिक लाभ।

परिचय:- गिलोय एक जड़ी-बूटी है, जो भारत के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पायी जाती है। भारत में गिलोय को तीन अमृत पौधों में से एक माना जाता है। अमृत जिसका मतलब है अमरता का मूल क्युकी यह विभिन्न बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होता आया है। यह कई लम्बी टहनियों वाली शाखाओं के सहारे बड़े पैमाने […]

जूट की खेती तथा व्यापारिक महत्व।

परिचय:- जूट एक द्विबीजपत्री, बेलनाकार, तंतुमय पौधा है जिसका तना पतला होता है। इसकी खेती से लोगों को नकद पैसा हासिल होता है जिस वजह से इसकी खेती को नकदी खेती भी कहा जाता है। जूट का इस्तेमाल सूत्र बोरे, तिरपाल, टाट, दरी, तम्बू, कपड़े, रस्सियाँ तथा कागज बनाने के लिए किया जाता है। इसकी […]

नर्सरी उद्योग, निवेश एवं मशीनरी तथा व्यापारिक लाभ।

परिचय:- नर्सरी उद्योग, जैसे जैसे संसार विकास कर रहा है वैसे वैसे प्रदूषण बढ़ रहा है। इसका एक कारण है पेड़ों का कटना। प्रदूषण इतना बढ़ गया है की वो कई खतरनाक बीमारियों का कारण बन रही है। ऐसे में हर कोई अपने घर और दफ्तर के आस पास पेड़ पौधे लगाना चाहता है। इससे […]

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