जैतून की खेती एवं किस्में, फायदे तथा व्यापारिक लाभ।

परिचय:- जैतुन यानी की औलिव ओलीसी परिवार में छोटे पेड़ की एक प्रजाति है जिसकी खेती भूमध्यसागरीय, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, उत्तर और दक्षिण अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका, भारत आदि में की जाती है। जैतून का पेड़ छोटा और स्क्वाट होता है, और शायद ही कभी ऊंचाई में 8-15 मीटर से अधिक होता है और इसकी फल […]

गुलमेहंदी की खेती, फायदे तथा व्यापारिक लाभ।

परिचय:- गुलमेहंदी जिसे अंग्रेजी में रोज़मेरी कहा जाता है एक सुगन्धित जड़ी-बूटीक पौधा है, भारत में इसकी खेती हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर जैसे ठंडे जलवायु वाले जगहों में की जा रही है। यह पुदीना परिवार लैमियेसी की सदस्य है और इसके पत्ते सुई के आकार के, ऊपर से हरे और नीचे से रोमिल सफेद […]

ओरिगैनो की खेती, फायदे तथा व्यापारिक लाभ।

परिचय:- ओरिगैनो टकसाल परिवार लैमियासी का एक बारहमासी पौधा है जो भूमध्य क्षेत्र का मूल निवासी है, लेकिन उत्तरी गोलार्द्ध में भी उगाया जा सकता है। इसके फूल गुलाबी-बैंगनी या सफेद रंग के होते हैं और इसका स्वाद अजवायन के फूल जैसा तेज और मजबूत होता है। हालांकि इसे ठंडे मौसम में वार्षिक फसल के […]

अजमोद की खेती, किस्में तथा व्यापारिक लाभ।

परिचय:- अजमोद जिसे अंग्रेजी में पार्सले कहा जाता है, अपियासी परिवार की प्रजाति की एक जड़ी बूटी है, जिसकी सब्जी के रूप में भी खेती की जाती है। यह ठंडे मौसम की फसल है, जो समृद्ध, नम मिट्टी में अच्छे से उगाया जा सकता है। यह उपोष्णकटिबंधीय और उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों का वार्षिक जड़ी बूटी है। […]

गिलोय की खेती, फायदे तथा व्यापारिक लाभ।

परिचय:- गिलोय एक जड़ी-बूटी है, जो भारत के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पायी जाती है। भारत में गिलोय को तीन अमृत पौधों में से एक माना जाता है। अमृत जिसका मतलब है अमरता का मूल क्युकी यह विभिन्न बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होता आया है। यह कई लम्बी टहनियों वाली शाखाओं के सहारे बड़े पैमाने […]

मेंथा की व्यापारीक खेती एवं बुआई का समय।

परिचय:- मेंथा एक औषधीय गुणों से भरपूर वनस्पति है। इसकी उपलब्धता तथा इसके फायदे को देखते हुए पिछले कुछ वर्षों से मेंथा जायद की प्रमुख फसल के रूप में अपना स्थान बना रही है। इसके तेल का उपयोग सुगन्ध व औषधि बनाने में किया जाता है। भूमि:- मेंथा की अच्छी खेती के लिए जीवांश युक्त अच्छी […]

मेथी की खेती, बीजोपचार तथा बुुआई की विधि।

परिचय:- राजस्थान तथा गुजरात मेथी पैदा करने वाले राज्यों में अग्रणी है। 80 फीसदी से अधिक मेथी का उत्पादन इन दोनों राज्यों में होता है। इसकी खेती मुख्यतः रबी मौसम में की जाती है, दक्षिण भारत में इसकी खेती बारिश के मौसम में की जाती है। यह औषधीय गुणों से भरपूर भोज्यपदार्थ है। इसका उपयोग […]

भारत में अश्वगंधा की खेती, औषधीय गुण एवं इसके फायदे।

परिचय:- अश्वगंधा या असगंधा का वानस्पतिक नाम वीथानीयां सोमनीफेरा है। यह एक महत्वपूर्ण औषधीय फसल है साथ ही यह नकदी फसल भी है। यह पौधा ठंडे स्थानों को छोड़कर अन्य सभी स्थानों में पाया जाता है। मुख्य रूप से इसकी खेती मध्यप्रदेश के पश्चिमी भाग व निकटवर्ती राज्य राजस्थान में होती है। राजस्थान के नागौरी […]

मुलेठी की खेती, औषधीय गुण एवं इसके फायदे।

परिचय:- मुलेठी को सदाबहार झाड़ीनुमा पौधे की श्रेणी में रखा जाता है। इसे यष्टिमधु, मुलहटी अथवा मुलेठी के नाम से जाना जाता है। इसमें गुलाबी, जामुनी रंग के फूल तथा फल लंबे व चपटे होते हैं। यह एक सर्वसुलभ औषधीय गुणों से भरपूर जड़ी है। सामान्यतः मुलेठी ऊँचाई वाले स्थान जैसे जम्मूकश्मीर, देहरादून, सहारनपुर तक […]

घृतकुमारी(एलोवेरा) की खेती, लागत एवं इसके फायदे।

परिचय:- घृतकुमारी को एलोवेरा के नाम से भी जाना जाता है। प्राचीन समय से चिकित्सा जगत में बीमारियों के उपचार के लिए इसका प्रयोग किया जा रहा है। इसके गुणों से हम सभी भली-भांति परिचित हैं तथा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से इसका उपयोग भी करते है। आयुर्वेदिक उद्योग में घृतकुमारी की मांग लगातार बढ़ती […]

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