मसूर दाल की खेती, खरपतवार नियंत्रण एवं व्यापारिक लाभ।

परिचय:- मसूर एक प्रोटीन युक्त, गहरी संतरी, और संतरी पीले रंग की दाल की फसल है। मुखय रूप से भारत में इसकी खेती उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और बिहार में की जाती है, खास करके बिहार के ताल क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर इसकी खेती की जाती है। दलहनी वर्ग में यह सबसे प्राचीनतम […]

साबूदाना बनाने की प्रक्रिया, फायदे एवं व्यापार।

परिचय:- साबूदाना सफेद रंग मोती जैसी एक खाने की सामग्री है जिसे ज्यादातर लोग व्रत के समय खाना पसंद करते हैं। यह किसी अनाज से नहीं अपितु सागो पाम नामक पेड़ के तने के गूदे से बनता है। सागो पाम, ताड़ की तरह का एक पेड़ है जो ज्यादातर पूर्वी अफ्रीका में पाया जाता है। […]

काले गेहूँ की खेती तथा व्यापारिक महत्व।

काले गेहूँ, आज भी किसान अपनी परंपरागत खेती करने में ही विश्वास करते है। जबकी परंपरागत खेती से हटकर खेती करके कई किसान अपनी ज़िंदगी को सवार चुके हैं। इसके साथ ही वह एक उदाहरण भी बन चुके हैं। ऐसे ही मध्य प्रदेश के एक किसान “विनोद चौहान” ने परंपरागत खेती से हटकर खेती की […]

गेहूं की खेती, भूमि का चयन तथा व्यापारिक महत्व।

परिचय:- दुनिया के सभी भाग में कुल 23% जमीन पे गेहूं की खेती की जाती है। सबसे अधिक क्षेत्रफल मेंं गेहूं उगाने वाले प्रमुख राष्ट्र चीन, भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका और रशियन फैडरेशन है। चीन के बाद भारत गेहूं का दूसरा विशालतम गेहूं उत्पादक देश है। धान की तरह गेहूं भी भारत का एक महत्वपूर्ण […]

राजमा की खेती, पैदावार एवं व्यापारिक लाभ।

परिचय:- भारत एक ऐसा देश है जहां क्षेत्रों में विविधता के साथ साथ खाने में भी विविधता है। और ऐसी ही प्रशिद्ध खाने में एक नाम राजमा का भी है। भारत में राजमा चावल लोगो की पसंदीदा खाने में से एक है, और इसके बहुत सारे फायदे भी है इस वजह से इसकी खेती से […]

काला चावल (किसानों का काला हीरा) की खेती तथा व्यापार।

परिचय:- काला चावल, औषधीय गुणों से भरपूर यह चावल बड़े से बड़े रोग भगाने में अत्यंत उपयोगी है। इसमें मोटापा कम करने का गुण भी समाहित है। यह एक अनोखा चावल है जिसका नाम है चाक हाओ अर्थात (काला चावल)। धान की खेती की विशेष जानकारी के लिए ये लिंक पढ़ें। उत्पत्ति:- इस अनोखे और […]

बाजरा की खेती एक परिचय तथा व्यापारिक महत्व।

बाजरा भारत में उगाई जाने वाली एक ऐसी फसल है जो विपरीत परिस्थिति एवं सीमित वर्षा वाले क्षेत्रो तथा बहुत कम उर्वरको की मात्रा के साथ उगाई जाती है। यह मुख्य रूप से शुष्क एवं अर्द्धशुष्क क्षेत्रो मे उगाई जाती है। क्षेत्रो के लिए बाजरा दाने एवं चारे का मुख्य श्रोत माना जाता है। यह […]

जेट्रोफा (रतनज्योत) की व्यापारिक खेती, एवं उन्नत किस्में।

परिचय:- जेट्रोफा (रत्नज्योत) के तेल का इस्तेमाल ईंधन, औषधि, जैविक खाद, रंग बनाने में किया जाता है। इसके भूमि सूधार, भूमि कटाव को रोकने में, खेत की मेड़ों पर बाड़ के रूप में महत्व है। यह बदलते परिदृश्य में रोजगार की संभावनाओं को बढ़ानें में उपयोगी साबित हुआ है। यह बायो-डीजल का स्रोत है जिसमें […]

अरण्डी की खेती, फायदे तथा व्यापारिक परिचय।

परिचय:- अरण्डी औषधीय गुणों से भरपूर है। इसके तेल का उपयोग अनेक बीमारियों में अचूक दवा के रूप में किया जाता है। अरण्डी का तना कीटनाशक बनाने के काम में आता है। इसके पत्तों तथा जड़ों का दवाओं के निर्माण में प्रयोग किया जाता है। मिश्रित फसल की बुआई में अरण्डी के नीचे वाली फसल […]

सूरजमुखी की खेती, बुआई का समय तथा आमदनी।

परिचय:- सूरजमुखी एक महत्वपूर्ण तिलहन फसल है इसकी खेती खरीफ, रबी एवं जायद तीनो ही मौसम में की जा सकती है। लेकिन उत्तर भारत में जायद में ही इसकी खेती ज्यादातर की जाती है, और यही समय उपयुक्त भी रहता है। क्योंकि इस मौशम में मधुमक्खी अधिक होती है। जो इसकी उपज के लिए अनिवार्य […]

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