मूंगफली की खेती, किस्में, खुदाई एवं भण्डारण।

परिचय:- मूंगफली तिलहन की एक महत्वपूर्ण फसल है। ये भारत के विभिन्न प्रान्तों में सफलतापूर्वक उगाई जाती है। इसे तेल तथा खाद्यान्न दोनो रूप में इस्तेमाल किया जाता है। मूंगफली के तेल में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन-बी, विटामिन-सी, कैल्शियम, मैग्नेशियम, जिंक फॉस्फोरस और पोटाश जैसे खनिज तत्व प्रचुर मात्रा में पाये जाते है। इसकी खेती गुजरात, […]

लोबिया की खेती, किस्में तथा व्यापारिक महत्व।

परिचय:- लोबिया हरी फली व, हरी खाद तथा सुखी बीज के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। यह पूरे भारत में उगाये जाने वाली फसल है, इसका मूल अफ्रीका है। यह सूखे में भी उगने योग्य है एवं जल्दी उत्पन्न होने वाली फसल है। इससे मिट्टी में नमी बनी रहती है। लोबिया प्रोटीन, कैल्शियम […]

सोयाबीन की खेती, बुआई का समय एवं पैदावार।

परिचय:-  सोयाबीन एक खरीफ की फसल है। यह पोषण तथा स्वास्थ्य के लिए उपयोगी  है। इसमें कार्बोहाइड्रेट , वसा, प्रोटीन पाई जाती है। सोयाबीन भारत की महत्वपूर्ण तिलहनी और ग्रंथिय फसल है। यह  खाद्य तेल आपूर्ति में भी महत्वपूर्ण है। इसके कृषी क्षेत्रमें काफी वृद्धि हुई है, परन्तु प्रति उत्पादन बढ़ाना अब भी अति आवश्यक है। खाद्य […]

मक्का की खेती तथा इसके व्यापारिक लाभ।

परिचय:- मक्का विश्वभर में उगाई जाने वाली फसल है। मक्का को खरीफ की फसल कहा जाता है। बहुत से क्षेत्रों में इसको रवि के समय भी उगाया जाता है। इसके गुणकारी होने के कारण पहले की तुलना में आज के समय इसका उपयोग मानव आहर के रूप में ज्यादा होता है। इसके गुण इस प्रकार […]

चने की खेती, तथा इसके व्यापारिक महत्व।

परिचय:- चने की खेती हमारे देश में दलहनी फसलों में अपना प्रमुख स्थान रखती है। भारत विश्व का सबसे बड़ा चना उत्पादक देश है। क्षेत्रफल और उत्पादन दोनो ही दृष्टि में दलहनी फसलों में चने का मुख्य स्थान है। पूरे भारत में चना रबी फसल के रूप में उगाया जाता है। चना उत्पादन की नई उन्नत […]

मूंग की खेती, तथा इसके व्यापारिक महत्व।

परिचय:- भारत में मूंग ग्रीष्म और खरीफ दोनों मौसम में उगाया जाता है। यह कम समय में पकने वाली मुख्य दलहनी फसल है। इसका उपयोग प्रमुख रूप से आहार में किया जाता है। यह प्रोटीन का बहुत अच्छा श्रोत माना जाता है। मूंग में 24 से 26 प्रतिशत प्रोटीन, 55 से 60 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट और […]

दलहन की खेती के लिए भूमि का चुनाव, महत्व एवं व्यापार।

दलहन वो अन्न है जिससे दालें बनती है। यह वनस्पति में प्रोटिन का मुख्य स्रोत है। अरहर ,चना, मटर, मसूर और मूंग इसके कुछ उदाहरण हैं। अरहर:- दलहनी फसलों में अरहर की दाल का विशेष महत्व है। इसमें 20-21% तक प्रोटीन पाई जाती है। साथ ही इस प्रोटीन का पाचन भी अन्य प्रोटीन से अच्छा […]

अदरक और स्वीट कॉर्न की जैविक फसल एवं केस स्टडी।

स्वीट कॉर्न की जैविक फसल:- हम बात कर रहे हैं सिद्धार्थ चिचौंदिया की, जिन्होंने एम.बी.ए. के बाद नौकरी के बजाय खेती को अपना करियर चुना और खेती करने में रुझान दिखाया। सिद्धार्थ मध्यप्रदेश के सागर के पम्बोरी, रइगाँव के रहने वाले हैं। ये सागर जिले से करीब पाँच किमी की दुरी पर है। सिद्धार्थ के […]

अलसी या तीसी का पौष्टिक महत्व खेती और व्यापार।

परिचय:- विश्व भर में भारत का तिलहन उत्पादन में एक महत्वपूर्ण योगदान है। तिलहन क्षेत्र, उत्पादन और मूल्य के मामले में अनाज़ के बाद ही आते हैं। तिलहन में अलसी का एक महत्वपूर्ण स्थान है। इसे अंग्रेजी में लिनसीड यानी अति उपयोगी बीज भी कहा जाता है। यह विश्व की छठी सबसे बड़ी तिलहन फसल है। […]

तिलहन की खेती, परिचय और व्यापार।

तिलहन उन फसलों को कहते हैं जिनसे वनस्पति तेल का उत्पादन होता है। जिसमें महत्वपूर्ण हैं तिल, सरसो, मूँगफली, सोया, सूरजमुखी, नारियल और कुसम। तिलहन फसलों को कम पानी की आवस्यकता होती है। इसकी खेती अनुपजाऊ भूमि तथा कम वर्षा वाले क्षेत्रों में की जाती है। क्षेत्रफल की दृष्टि से खाद्यान्न फसलों के बाद तिलहन […]

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