काला चावल (किसानों का काला हीरा) की खेती तथा व्यापार।

अठ्ठारह सौ रुपये बिकने वाला काला चावल, औषधीय गुणों से भरपूर यह चावल बड़े से बड़े रोग भगाने में अत्यंत उपयोगी है। इसमें मोटापा कम करने का गुण भी समाहित है। यह एक अनोखा चावल है जिसका नाम है चाक हाओ अर्थात (काला चावल)।

परिचय:- काला चावल, औषधीय गुणों से भरपूर यह चावल बड़े से बड़े रोग भगाने में अत्यंत उपयोगी है। इसमें मोटापा कम करने का गुण भी समाहित है। यह एक अनोखा चावल है जिसका नाम है चाक हाओ अर्थात (काला चावल)।

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उत्पत्ति:- इस अनोखे और औषधीय गुणों से भरपूर काला चावल का मूल नागालैंड है। यह नागालैंड की प्रजाति मानी जाती है। जिले में चालू सीजन में इसका उत्पादन शुरू हो जाएगा। इसकी खेती भी सामान्य चावल की तरह उसी मौसम में की जाती है, बीज की क़ीमत ₹1800 प्रति किग्रा है।

इस अनोखे और औषधीय गुणों से भरपूर काला चावल का मूल नागालैंड है। यह नागालैंड की प्रजाति मानी जाती है। जिले में चालू सीजन में इसका उत्पादन शुरू हो जाएगा। इसकी खेती भी सामान्य चावल की तरह उसी मौसम में की जाती है, बीज की क़ीमत ₹1800 प्रति किग्रा है।
काला चावल

बीज संरक्षण:- इसकी खेती के बाद इसी से बीज को अगले वर्ष के लिए सुरक्षित रख सकते हैं, अगले वर्ष हमें इतने महंगे बीज नहीं लेना पड़ेगा ।

गुण:- इस चावल की सबसे बड़ी खासियत तो इसका रंग है। यह अपने विशेष रंग तथा अपने अंदर पाए जाने वाले विशेष औषधीय गुणों से खाद्य में महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

इसमें पाए जाने वाले विशेष प्रकार के तत्व एथेसायनिन के कारण इसका रंग काला है। इसमें एंटीआक्सीडेंट ज्यादा होती है, तथा इसमें विटामिन ई, फाइबर और प्रोटीन की बहुलता है।

बीमारियों में लाभ:- हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्राल, आर्थराइटिस, एलर्जी , कैंसर जैसे रेागों में इसका सेवन अत्यंत लाभदायक है। यह मोटापा को दूर करने भी लाभदायक होता है।

इसमें मौजूद फाइटोकेमिकल कालेस्ट्राल के स्तर को नियंत्रित करता है, साथ ही हृदय की नलिकाओं में आर्थोस्क्लेरोसिस प्लेक फार्मेशन की संभावना कम रहती है। जिससे हार्ट अटैक की स्थिति में कमी आती है।

इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होता है। इसमें पाए जाने वाले विशेष एंटी आक्सीडेंट त्वचा और आंखों के लिए फायदेमंद है, तो फाइवर पाचन तंत्र तथा आंत की बीमारी में लाभकारी है।

सरकारी पहल:- केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने पिछड़े पन को उबारने के लिए नागालैंड के इस चावल के बड़े पैमाने पर उत्पादन का सुझाव दिया था। इसके लिए कृषि विभाग के साथ उन्होंने स्वयं पहल की।

इसके अनुसार 2900 कीग्रा धान से लगभग 1885 किलो चावल प्राप्त किया जा सकता है। नागालैंड सरकार ने 100 किलो चावल की बिक्री मूल्य 182720 तय कर रखा है। वैसे भी 1 किलो चावल का मूल्य लगभग ₹1800 है।
काला चावल की खेती

किसानों की आय बढ़ाने हेतु निदेशालय कृषि विभाग एलर्ट हुआ तथा नागालैंड कृ़षि विभाग से बात कर उसकी कीमत, उत्पादन पे विशेष कार्य कर बड़े पैमाने पर इसके उत्पादन का निर्णय लिया।

कृषि विज्ञान केंद्र सोहना और कृषि विवि पंतनगर एक साथ मिलकर इस पर शोध कर रही है। अभी कुल 4 किस्मों पर कार्य किया जा रहा है। बीज फिलहाल नज़दीकी कृषि विद्यालय से संपर्क कर लिया जा सकता है।

लागत और लाभ में अंतर:- चाक हाओ (काले धान) के उत्पादन में सामान्यतः प्रति हेक्टेयर 60 हजार लागत आ रही है, औसत उत्पादन 2900 किलो धान का है। काले धान में से 65 से 67 फीसदी चावल निकलता है।

इसके अनुसार 2900 कीग्रा धान से लगभग 1885 किलो चावल प्राप्त किया जा सकता है। नागालैंड सरकार ने 100 किलो चावल की बिक्री मूल्य 182720 तय कर रखा है। वैसे भी 1 किलो चावल का मूल्य लगभग ₹1800 है।

परंपरागत उत्पादन से तुलना करें तो पाते हैं की एक हेक्टेयर में करीब 44 कुंतल उत्पादन है, जो 17 रुपये प्रति किलो के हिसाब से 75 हजार रुपये का होगा।

खेती के लिए निगरानी:- चाक हाओ चावल की नर्सरी से लेकर उत्पादन तक कृषि विभाग और विशेषज्ञ हमेसा शामिल रहेंगे। खाद, पेस्टीसाइड, यह सब विशेषज्ञों की सलाह पर ही किया जाएगा।

फसलबाज़ार

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