घर ही बाज़ार, बाज़ार ही घर

बड़ा अटपटा सा लगता है घर बाज़ार कैसे हो सकता है? हो सकता है और इसी में मदद के लिए फसल बाज़ार की ज़रूरत है, हर छोटे मझोलों किसानों के लिए।

अब छोटे और मझोले किसानों को अपने फसलों और घर में निर्मित उत्पादों को  बेचने के लिय इस महामारी में न तो बाज़ार जाने की ज़रूरत है और ना किसी बिचौलियों की, इस ऑनलाइन बाज़ार पे एक साथ क्रेता और विक्रेता दोनों उपस्थित होंगे, जो जीवन के लिए जरूरी कार्यों का क्रय विक्रय कर सकतें हैं, इसके लिए आपको बाज़ार में जाने की ज़रूरत नही है।

इससे किसानों और विक्रेताओं को फ़ायदा यह है की वो बिना कहीं गए अपने मोबाईल फोन के जरिए हीं सीधे अपने घर से क्रेता ढूंढ सकते हैं, तथा क्रेता भी अपने मोबाइल फोन के जरिए अपने आस पास ही अपनी ज़रूरत की वस्तुएं ढूंढ सकता है।

हम लेके आ रहे हैं एक ऐसा ऐप जो आप की मदद करेगा अनाज बेचने में!https://fasalbazaar.in/

One thought on “घर ही बाज़ार, बाज़ार ही घर

  1. This app will surely help the farmer from loss….and they can get better price for their hard work on their crop….
    Come in support of farmer, who take care for all indian
    Jai jaban Jay kisan
    ✊✊✊✊✊

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