बाज़ार की समस्या से तात्पर्य क्या है?
बाज़ार की समस्या से तात्पर्य है, कुछ नए प्रकार के उत्पाद जिसमें फ़ायदे अधिक हैं। लेकिन उनके परिवेश में उस उत्पाद के उपभोक्ता कम हैं। इस कारण यदी वो नए फसल की खेती करते हैं तो उन्हें बाज़ार नहीं मिल पाता। जिसके फलस्वरूप वो पारंपरिक खेती करने के लिए बाध्य हैं।

लेकिन जब तक किसान पारंपरिक खेती से बाहर निकल कर कुछ नया नहीं करेंगे, किसानों की स्थिती में सुधार की संभावना थोड़ी कम है।
लेकिन वो खेती कर भी लें तो इसे बेचे कहाँ, जब उनके बाज़ार में उस वस्तु के उपभोक्ता ही कम हों? फिर ज़रूरत होती है आपको नए बाज़ार की, जहाँ उस उत्पाद की माँग हो। लेकिन आपको पता चलता है की वो बाज़ार आपके पहुँच से इतनी दूर है जहाँ पहुँच पाना हीं संभव नहीं है। फिर आप क्या करेंगे?

क्या आप मुनाफे को देखते हुए भी उस खेती से मुँह मोड़ लेंगे? नहीं आपको तलाशना है बाज़ार के नए विकल्प जहाँ अपने सामानों को उचित मूल्य पर बेच सकें। इस विकल्प के फल स्वरूप आपको चाहिए एक वृहद बाज़ार, जहाँ बहुत सारे उपभोक्ता एक साथ उपलब्ध हों और ये आपको देगा इंटरनेट।
आपको चाहिए एक डिजिटल बाज़ार एक ऐसा बाज़ार जहाँ भारत के हर कोनें से लोग जुड़े हों जहाँ आप अपनी उत्पाद के लिए बड़ा बाज़ार बना सकते हैं और ख़ुद का ब्रांड बन सकते हैं।
Very good platform for buying grocery items
Good initiative,hopefully its beneficiaries get the Benifits!!!!! All the very best!!