पूँजी की समस्या

छोटे किसान अपनी खेती महाजन से उधार ले कर हीं करते हैं। किसानों के उत्पाद को बिकने में जब समय लगेगा तब तक उनका ब्याज़ बढ़ता रहेगा। ये किसानों के लिये एक बहुत बड़ी समस्या है। और आपका फसल जितनी जल्दी बेचा जा सकेगा उतनी जल्दी आपकी पूँजी वापस होगी।

अपनी खेती

ब्याज़ कम अदा करने की सूरत में किसान अधिक आमदनी कर सकेगा। कई बार ऐसा होता है, एक फसल समय से नहीं बिकने की सूरत में किसान अगले फसल के लिए पूँजी नहीं जुटा पायेगा।फिर अगले फसल के लिये वह उचित समय पर बीज नहीं लगा पायेगा। 

परिणाम:-  इसका परिणाम ये होता है की उनका फसल तब तैयार होता जब बाज़ार में उसका उचित मूल्य नहीं मिल पाता। और किसानों की हालत सुधरने के बजाए बिगड़ती जाती है। किसान बार- बार कर्ज़ लेने के लिए मजबूर रहेगा और, बार-बार ब्याज़ के बोझ तले ख़ुद को कमज़ोर करता रहेगा।

उपाय:- किसान अपने उत्पाद को समय से बेचे। जिससे उसके द्वारा लगाई गई पूँजी उचित समय पे वापस आ जाये। तथा वह नए फसल की तैयारी कर सके ये चक्र दुहराते रहने से किसानों की स्थिति दयनीय तो बिलकुल नहीं रह जायेगी। और उन्हें पूँजी समस्या  से निजात मिलेगा।

फसल बाज़ार

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