पापड़ बनाने की विधि, उद्योग एवं व्यापारिक लाभ।

पापड़ हमारे खाद्य का एक ऐसा हिस्सा है जिसका उपयोग भोजन के मेजन के रूप में किया जाता है। इसके साथ ही इसका उपयोग आजकल फास्टफूड तथा स्नेक्स के रूप में भी किया जाता है। यह बाज़ार में आसानी से उपलब्ध होता है।

परिचय:- पापड़ हमारे खाद्य का एक ऐसा हिस्सा है जिसका उपयोग भोजन के मेजन के रूप में किया जाता है। इसके साथ ही इसका उपयोग आजकल फास्टफूड तथा स्नेक्स के रूप में भी किया जाता है। यह बाज़ार में आसानी से उपलब्ध होता है।

ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएँ अनेक प्रकार के पापड़ को अपने घरों पे हीं बनाती है। आजकल सारी महिलाओं के पास इतना समय नहीं होता की वो इसे बना सकें, इसलिए पापड़ के उद्योग का दायरा लगातार बढ़ रहा है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार के अवसरों के बीज डलने लगे हैं।

ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएँ अनेक प्रकार के पापड़ को अपने घरों पे हीं बनाती है। आजकल सारी महिलाओं के पास इतना समय नहीं होता की वो पापड़ बना सकें, इसलिए पापड़ के उद्योग का दायरा लगातार बढ़ रहा है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार के अवसरों के बीज डलने लगे हैं।
पापड़

पापड़ उद्योग का इतिहास:- पापड़ उद्योग का इतिहास तो काफी पुराना है। भारत में इस व्यवसाय का विकास महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा है। इस व्यवसाय से जुडी महिलाएं अच्छा मुनाफा कमा रही है और खुद को सशक्त कर रही हैं।

पापड़ का बाज़ार:- पापड़ का इस्तेमाल भारत के अलावा एशिया के कई देशो में भी किया जा रहा है। भारत से दुसरे देशो में इसका निर्यात भी किया जाता है।

लेकिन हमारे देश में ही पापड़ की आपूर्ति का अभाव रह जाता है। अतः इस बिजनेस का फ्यूचर काफी अच्छा है।

पापड़ के क्षेत्र में कई कंपनियां कार्यरत है परंतु हमारे देश में लगभग 60% पापड़ की आपूर्ति लोकल उद्योगों द्वारा ही किया जा रहा है।

व्यापार का प्रारंभ:- व्यापार चाहे वो बड़ा हो या छोटा उसके लिए कुछ सरकारी गाइडलाइंस के अनुसार कार्य करना आवश्यक होता है।

जिसके लिए सबसे अनिवार्य है, लाइसेंस और रेजिस्ट्रेशन। बिना रूकावट बिज़नस के लिए लाइसेंस तथा रजिस्ट्रेशन आवश्य करवाएं।

पापड़ बनाने की मशीन, लागत एवं कमाई

जगह:- पापड़ उद्योग के लिए लगभग 60 से 80 वर्गमीटर जगह की आवश्यकता होगी जिसमे आपको पापड़ बानाने, सुखाने तथा पैक करने का तमाम साधन हों।

इसको सुखाने के लिए अधिक स्थान की आवश्यकता होती है। ड्रायर मशीन के उपयोग से इसे कम स्थान में किया जा सकता है।

कच्चा माल:- पापड़ अलग-अलग मटेरियल तथा अलग-अलग तरीकों से बनाया जाता है। लेकिन सामन्यतया इसको बनाने के लिए दाल, सोडियम बाई-कार्बोनेट, तेल, मिर्च या मसाले, हिंग, नमक, पानी, पिसा हुआ काली मिर्च आदि का प्रयोग किया जाता है।

आवश्यक मशीन:- ग्रन्डिंग मशीन, मिक्सर मशीन, पापड़ प्रेस, ड्राईंग मशीन, पैकिंग मशीन आदि।हाथ से कार्य करके आप कुछ मशीन की उपयोगिता को घटा सकते हैं, और इन पैसों का इस्तेमाल कहीं और कर सकते हैं।

अधिकतर व्यवसायियों का मानना है, की इसमें निवेश की गई पूंजी का 10 से 20 प्रतिशत तक कमाई हो जाती है। इस गणना के अनुसार 1 लाख की लागत पे लगभग 20 हजार की कमाई की जा सकती है।
पापड़ उद्योग

लागत:- पापड़ बनाने का व्यवसाय 1 लाख में शुरू किया जा सकता है। बाकी आपके बजट पर निर्भर करता है की आप इस पर कितना व्यय करना चाहते हैं। इसमें उपयोग होने वाले मशीन 10 हजार से 10 लाख तक आती है।

व्यापार प्रारंभ करने से पूर्व आप किसी पापड़ उद्योग का मुआयना कर ले। ऐसा करने से यह अंदाजा मिल जायेगा की आप इस व्यवसाय को शुरू करने के लिए कम से कम कितना व्यय कर सकते है।

कमाई:- अमूमन कमाई भी आपके बजट पर डिपेंड है, अधिक पूंजी निवेश करते है तो आप अधिक कमाई करेंगे और कम पूंजी निवेश करते है तो कम कमाई करेंगे। यह आपके उत्पादन के आधार पर है।

वैसे यह आवश्यक नहीं की कम पूंजी लगाने पर कम कमाई होगी अगर आपकी मार्किट की पकड़ अच्छी हो और क्वालिटी अच्छी होगी तो आप बेहतर कमा सकते है।

अधिकतर व्यवसायियों का मानना है, की इसमें निवेश की गई पूंजी का 10 से 20 प्रतिशत तक कमाई हो जाती है। इस गणना के अनुसार 1 लाख की लागत पे लगभग 20 हजार की कमाई की जा सकती है।

फसलबाज़ार

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