पेपर बैग का निर्माण, व्यापार और महिलाओं की आत्मनिर्भरता।

लगातार पॉलीबैग के कम इस्तेमाल पर जोड़ ददेने तथा इन्हें बैन करने की दिशा में कदम उठाने के बाद, पेपर के बैग बनाने का व्यापार आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में एक अहम कदम है। पेपर बैग के उद्योग को हर स्तरों के लिए बनाया जा सकता है।

परिचय:- लगातार पॉलीबैग के कम इस्तेमाल पर जोड़ देने तथा इन्हें बैन करने की दिशा में कदम उठाने के बाद, पेपर बैग बनाने का व्यापार आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में एक अहम कदम है। पेपर बैग के उद्योग को हर स्तरों के लिए बनाया जा सकता है।

यह शॉपिंग मॉल, गिफ्ट स्टोर और कपड़े की दुकानों में इस्तेमाल किए जाने वाले स्टाइलिश बैग से लेकर साधारण समाचार पत्रों द्वारा बनाये गए बैग तक है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं रद्दी समाचार पत्रों के दोने बनाकर बेचे तो जहाँ उनके आय में वृद्धि होगी वहीं उनके जीवन स्तर में भी सुधार होगा तब जाकर महिलाएं आत्मनिर्भर भी होंगी।

यह शौपिंग मॉल, गिफ्ट स्टोर और कपड़े की दुकानों में इस्तेमाल किए जाने वाले स्टाइलिश बैग से लेकर साधारण समाचार पत्रों द्वारा बनाये गए बैग तक है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं रद्दी समाचार पत्रों के दोने बनाकर बेचे तो जहाँ उनके आय में वृद्धि होगी वहीं उनके जीवन स्तर में भी सुधार होगा तब जाकर महिलाएं आत्मनिर्भर भी होंगी।
पेपर बैग (कैरी बैग)

पंजीयन:- छोटे स्तर पर घरों में हाथ से रद्दी पेपर के पैकेट बनाने में पंजीयन की विशेष आवयसक्ता नहीं है। लेकिन यदी आप इसका निर्माण व्यापारिक कार्यों के लिए कर रहें हैं। तथा अपने द्वारा निर्मित उत्पाद को बाज़ार में बेच रहे हैं तो आपको लोकल मुनिसिपलिटी से ट्रेड लाइसेंस और सरकार की तरफ से उद्योग आधार संख्या लेने की आवश्यकता है। अभी के समय में सरकार इस व्यापार के लिए फण्ड भी दे रही है। इस फण्ड का फायदा पंजीयन के बाद ही ले सकते हैं।

पेपर बैग बनाने में उपयोग होने वाली सामग्री।
पेपर बैग बनाने के लिए कई तरह के सामग्री की आवश्यकता होती है। यह इस बात पे निर्भर करता है की आप डिजाइनर बैग बना रहे हैं या साधारण। घरों में साधारण बैग बनाने के लिए रद्दी न्यूज़ पेपर की आवश्यकता है जो ₹12-₹18 प्रति किलो बाज़ार में उपलब्ध है।

वहीं ब्राउन पेपर का इस्तेमाल कर बैग बनाने के लिए ब्राउन पेपर की आवश्यकता है। कई जगह यह पेपर रोल (₹45) के हिसाब से भी मिलता है। वहीं यदी डिजाइनर बैग की बात करें तो सफेद या रंगीन पेपर रोल (₹45 प्रति), फ्लेक्सो कलर (₹45 प्रति किग्रा), पोलिमर स्टीरियो (₹1-2 प्रति सेमी) की आवश्यकता है, गोंद की आवश्यकता सबमें है।

पेपर बैग बनाने की मशीन, कीमत और जानकारी

मशीन की कीमत:- डिजाइनर बैग बनाने के लिए बैग मेकिंग मशीन आवश्यक है। इसकी सहायता से आप अपने बैग निर्माण की क्षमता को बढ़ा सकते हैं। इस मशीन की क़ीमत ₹3 लाख से प्रारंभ है। रद्दी पेपर के साधारण बैग में मशीन की आवश्यकता नहीं है तो उसका व्यवसाय आप ₹500 में भी प्रारंभ कर सकते हैं। ध्यान रहे पेपर मशीन आवश्यक है अनिवार्य नहीं। आप हाथ से भी पेपर बैग बनाना सीख सकते हैं। और कम से कम लागत में इस व्यवसाय को प्रारंभ कर सकते हैं।

जानकारी:- मशीन खरीदने से पहले मशीन की पूरी जानकारी ले लें ऐसा न हो की मशीन में पूरी सुविधा उपलब्ध न हो। जिसके फलस्वरूप अलग-अलग कार्यों के लिए आपको अलग अलग मशीन खरीदना परे।

मशीन खरीदने से पहले मशीन की पूरी जानकारी ले लें ऐसा न हो की मशीन में पूरी सुविधा उपलब्ध न हो। जिसके फलस्वरूप अलग-अलग कार्यों के लिए आपको अलग अलग मशीन खरीदना परे।
पेपर बैग बनाने की मशीन

घर में पेपर बैग बनाने की प्रक्रिया:- पेपर बैग को बनाने के लिए मशीन आवश्यक नहीं है। पेपर बैग को हाथों से भी बना सकते हैं। इसके लिए आवश्यक सामग्री है।

सामग्री:- कैंची, गत्ते (पेपर), पंचिंग मशीन, ग्लू (चिपकाने के लिए)।

सर्व प्रथम आवश्यक आकार में पेपर को काटकर बीच से मोड़कर मार्जिन बना लें। फिर ग्लू की सहायता से दोनों सिरों को चिपका दें। फिर आवश्यकता अनुसार साइड के हिस्सों को मोड़कर डिज़ाइन दिया जा सकता है। पंचिंग मशीन की सहायता से दोनों ऊपरी हिस्सों में छेद कर दें। ताकी उसमें हैंडलटैग लगाया जा सके। इसके बाद इसे आप अपने अनुसार स्टाइलिश बना सकते हैं।

कुल लागत:- इस व्यापार को मशीनों के साथ प्रारंभ करने में न्यूनतम लागत ₹3-₹5 लाख तक आती है। मशीन के अतिरिक्त इसे कुछ हज़ार में भी प्रारंभ किया जा सकता है।

लाभ:- स्वचालित मशीन एक मि. में लगभग 60 बैग बना सकती है। आम तौर प प्रत्येक बैग पर कुल 10 पैसे का लाभ होता है। तो एक मशीन से प्रत्येक मिनट आपको 6 रुपए का लाभ, बाकी आपके प्रोडक्शन और मार्केटिंग पे निर्भर करता है।

विभिन्न साइज के बैग:- कुछ बैग के साइज ऐसे होते हैं, जिनकी डिमांड बाज़ार में हमेशा बनी रहती है। साधारणतया ऐसे बैग का साइज वही रखें जिनकी डिमांड बाजार में ज्यादा होती हो।

मार्केटिंग:- ये आज के समय का बड़ा सवाल भी है और जरूरत भी समान को बाजार तक कैसे पहुँचाया जाए। इसके लिए आपको जमीनी स्तर पर लोकल मार्केट में उतरना होगा। आप अपने सामान की डिलीवरी मैनुअली दुकानों और मॉलों में करें।

दूसरे चरण में आप सोशल नेटवर्किंग साइट की मदत ले सकते हैं। और अपने व्यापार का प्रचार- प्रसार फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब आदी के माध्यम से भी कर सकते हैं।

स्थान:- इस व्यापार के लिए स्थान का चयन ट्रांसपोर्टेशन को ध्यान में रख कर करें। तथा व्यापार लागत से सम्बंधित सुविधाओं का भी ध्यान रखें। कम से कम 300 वर्ग फीट की जगह से इसे प्रारंभ किया जा सकता है।

फसलबाज़ार

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