बटन मशरूम की खेती, बिजाई तथा व्यापार।

अन्य पोषक तत्वों से परिपूर्ण होता है। 10 से 15 हज़ार मशरूम की प्रजातियॉं पृथ्वी पर पाई जाती है। परंतु सारी प्रजातियाँ खाने योग्य नहीं होती। कुछ ज़हरीली भी होती है।

परिचय:- मशरूम एक फफूंदी प्रजाति का पौधा है। यह बरसात में हमारे यहाँ यत्र – तत्र देखने को मिल जाती है। जिसका प्रयोग हमारे पूर्वज द्वारा वर्षों से खाद्य पदार्थ तथा औषधि के रूप में की जाती है।

यह छत्ते के आकार का होता है, तथा प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों से परिपूर्ण होता है। 10 से 15 हज़ार मशरूम की प्रजातियॉं पृथ्वी पर पाई जाती है। परंतु सारी प्रजातियाँ खाने योग्य नहीं होती। कुछ ज़हरीली भी होती है।

मशरूम एक फफूंदी प्रजाति का पौधा है। यह बरसात में हमारे यहाँ यत्र - तत्र देखने को मिल जाती है। जिसका प्रयोग हमारे पूर्वज वर्षों से खाद्य पदार्थ तथा औषधि के रूप में की जाती है।
बटन मशरूम

आधार की तैयारी:- मशरूम की खेती हेतु गेहूँ के भूसे को बोरे में रात भर के लिए साफ पानी में भिगो दें। आवश्यकता अनुसार कार्बेन्डाइजिन तथा फार्सलीन मिला दें। इसके पश्चात भूसे को बाहर निकाल कर अतिरिक्त पानी निकलने दें जब भूसे से लगभग 50 प्रतिशत पानी निकल जाये तब यह बुआई के लिए तैयार होता है।

किस्म:- वैज्ञानिकों के अनुसार मशरूम की लगभग 10000 किस्में हमारी धरती पर मौजूद है। लेकिन व्यापार के नजरिये से मशरूम की लगभग 5 ही किस्में अच्छी मानी जाती है। ये क्रमशः बटन मशरूम, पैडी स्ट्रॉ, स्पेशली मशरूम, दवाओं वाली मशरूम, ढिंगरी या ओएस्टर मशरूम हैं। इनमें बटन मशरूम सबसे अधिक पसंद की जाने वाली किस्म है। इसे मिल्की मशरूम भी कहा जाता है।

बीज की कीमत:- बीज की कीमत लगभग 75 रुपए प्रति किलोग्राम है, जोकी ब्रांड और किस्म के अनुसार बदलती रहती है। बीज ऑनलाइन भी मंगवा सकते हैं, अथवा सीधे सरकारी कृषि केंद्रों की मदद से भी प्राप्त कर सकते हैं।

बटन मशरूम की खेती की विधि।

बिजाई:- इसमें बुआई ढिंगरी मशरूम की तरह ही की जाती है, परन्तु स्थान की ढिंगरी मशरूम से दोगुनी प्रयोग की जाती है। बुआई के बाद थैलों में छिद्र नहीं बनाये जाते है। बुआई के बाद तापमान 28-32 डिग्री होना चाहिये बुआई के बाद इन थैलों को फसल कक्ष में रख देते है।

इसमें बुआई ढिंगरी मशरूम की तरह ही की जाती है, परन्तु स्थान की ढिंगरी मशरूम से दोगुनी प्रयोग की जाती है। बुआई के बाद थैलों में छिद्र नहीं बनाये जाते है। बुआई के बाद तापमान 28-32 डिग्री होना चाहिये बुआई के बाद इन थैलों को फसल कक्ष में रख देते है।
बटन मशरूम की खेती

आवरण मृदा का उपयोग:- बुआई के 20 से 25 दिन बाद फफूँद पूरे भूसे में सामान रूप से फैल जाती है। इसके बाद आवरण मृदा तैयार कर 2 से 3 इंच मोटी पर्त थैली के मुँह को खोलकर ऊपर से फैला दिया जाता है तथा पानी के फव्वारे से इस तरह आवरण मृदा के ऊपर सिचाई की जाती है।

ध्यान रखें आवरण मृदा की लगभग आधी मोटाई से अधिक न भीगने पाये। आवरण मृदा लगाने के लगभग 20 से 25 दिन बाद आवरण मृदा के ऊपर बिन्दुनुमा अवस्था आने लगती है।

आवश्यक है की इस समय तापमान 32 से 35 तथा नमी 90 प्रतिशत से अधिक बनाये रखना चाहिए इसके 3 से 4 दिन बाद मशरूम तोड़ाई के योग्य हो जाती है।

मशरूम स्थान प्राप्त करने के स्रोत:- मशरूम की खेती को करने के लिए गुणवत्ता युक्त स्थान अति आवश्यक है। मशरूम उत्पादन के लिए उचित प्रशिक्षण की भी आवश्यकता होती है।

बिना प्रशिक्षण मशरूम की अच्छी उत्पादन कर पाना कठिन है। इसके लिए आप राज्यों के विभिन्न कृषि विश्वविद्यालय में सम्पर्क कर सकते हैं।

फसलबाज़ार

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