धनिया की खेती, किस्में, उपयोग एवं महत्व।

परिचय:- भारत देश को सदियों से ”मसालों की भूमि” के नाम से जाना जाता है। धनिया भारत का एक महत्वपूर्ण मसाला है, जिसके बीज एवं पत्तियां दोनों भोजन को सुगंधित एवं स्वादिष्ट बनाने के काम आते हैं। इसका बीज औषधीय गुणों से परिपूर्ण है। यह अम्बेली फेरी अथवा गाजर कुल का एक वर्षीय मसाला फसल […]

दालचीनी की खेती, पौध सुरक्षा तथा उपयोग।

परिचय:- दालचीनी भारत के पुराने मसालों में से एक है। यह वृक्ष की शुष्क आन्तरिक छाल की पैदावार है। दालचीनी का मूल श्रीलंका माना जाता है। भारत में इसकी खेती केरल एवं तमिलनाडू में की जाती है। यह वृक्ष कम पोषक तत्व वाले लैटेराइट तथा बलुई मृदा में उगाए जा सकते हैं। यह मुख्यत: वर्षा […]

काली मिर्च की खेती तथा प्रमुख प्रजातियाँ।

परिचय:- काली मिर्च(पाईपर) एक बहुवर्षीय आरोही बेल है। इसके फल को मसाला तथा औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। भारत विश्व में काली मिर्च का प्रमुख उत्पादक, उपभोक्ता एवं निर्यातक देशों में से एक है। भारत में काली मिर्च की खेती मुख्य रूप से केरल, कर्नाटक तथा तमिलनाडू राज्यों में होती है। भारत […]

जीरा की उन्नत खेती, किस्में तथा आर्थिक लाभ।

परिचय:- जीरा एक बीजीय फसल है, जो मसालों में प्रमुख स्थान रखता है। भारतवर्ष में सर्वाधिक जीरा उत्पादन गुजरात व राजस्थान में होता है। इन दो राज्यों में देश का 80 प्रतिशत जीरा उगाया जाता है। राजस्थान में देश के लगभग 28 प्रतिशत जीरे का उत्पादन किया जाता। तकनीकों के प्रयोग द्वारा जीरे की वर्तमान […]

मिर्ची की खेती तथा मसालों के रूप में प्रयोग।

कैप्सिकम मिर्ची का उपयोग, सब्जी, चटनी, अँचार आदी के रूप में भी किया जाता है तथा इसके विभिन्न प्रकार है। जिसे जानने के लिए आप हमारे पिछले पोस्ट को पढ़ सकते हैं। आज हम बात करेंगे उन भारतीय मिर्ची के किस्मों की जो प्रमुख मसाले के रूप में प्रयोग किये जाते हैं। परिचय:- भारतीय मिर्च […]

लहसुन की खेती, बुआई का समय एवं महत्व।

परिचय:- लहसुन एक बहुत ही महत्वपूर्ण बल्ब वाली फसल है। भारत में इसका ज्यादातर प्रयोग मसाले के रूप में किया जाता है। यह औषधीय गुणों से भरपूर है, जिसका प्रयोग विभिन्न प्रकार के बिमारीयों को ठिक करने में किया जाता है। इसके रोजाना प्रयोग से पाचन सही रहता है। लहसुन में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फॉस्फोरस, कैल्सियम […]

Language»