परिचय:- कपूर जिसका प्रयोग हर घर और हर मंदिर में किया जाता है, भारतीय संस्कृति में कपूर का धार्मिक महत्व प्राचीन काल से चला आ रहा है।
यह काम्फोर लौरेल नामक पेड़ से पाए जाने वाली काम्फोर पाउडर से बनी एक क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ है जो की विशेष तरह की तेज गंध देती है। इसके कई औषधिक लाभ भी हैं।
फायदे:- कपूर को जलाने के अलावा भी कई तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं। जैसे की सिरदर्द होने पर शुण्ठी, लौंग, कर्पूर, अर्जुन की छाल और सफेद चंदन को समान मात्रा में लेकर पीसकर लेप लगाए।
इसे बरगद के दूध में पीसकर आंखों में काजल की तरह लगाने से आंखों में आराम मिलता है। यह त्वचा संबंधी परेशानी में भी राहत देता है।
कपूर को नारियल तेल में मिलाकर लगाने से शरीर पर चोट लगने के कारन सूजन, लू, रूसी और बाल झड़ना रोकने में मदद मिलती है।
संभावना:- इसका इस्तेमाल भारत में लगभग हर घर में होता है जिस वजह से बाजार में कपूर की बहुत मांग है और आगे भी रहेगी। ऐसे में आप इसका व्यापर शुरू कर सकते हैं और अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं।
किस्में:- कपूर मुख्य रूप से तीन अलग-अलग रूपों में निर्मित होता हैै; तेल, पाउडर, टैबलेट।
व्यापार की शुरुआत:- इस व्यापार को आप छोटे स्तर पे भी शुरू कर सकते है। इसके लिए आपको सिर्फ काम्फोर पाउडर तथा कपूर बनाने की मशीन की जरुरत पड़गी। ये दोनों सामान आप बाज़ार या ऑनलाइन खरीद सकते है।
काम्फोर पाउडर भिन्न-भिन्न दाम में लगभग ₹300 – ₹500 प्रति किलोग्राम के हिसाब से मिल जाएगा। कपूर बनने वाली मशीन आपको लगभग ₹51000 से दाम शुरू होता है।
इसके अलावा आपको कम से कम 800 स्क्वायर फुट जगह की जरुरत होगी जहां आप मशीन लगा व्यापर शुरू कर सके। ये व्यापर घर से भी शुरू किया जा सकता है।
उचित योजना:- इस व्यापर के लिए बहुत कम सामान की जरुरत पड़ती है तो आप इस व्यापार को 1-1.5 लाख से भी शुरू कर सकते है। आप अपनी बजट के हिसाब से व्यापर शुरू कर सकते है।
महिलाओं के लिए खास:- कपूर बनाने का व्यापार कोई भी कर सकता है। इस व्यापार को वो महिलाये भी कर सकती है जो ज्यादा पढ़ी लिखी न हो और इसे बनाने की मशीन को भी आसानी से चला सकती है।
लाइसेंस और अनुमति:- इस व्यापार को पर शुरू करने के लिए आपको लोकल अथॉरिटी से लिखित में अनुमति ले ले और लाइसेंस के लिए आवेदन करें क्योंकि पंजीकरण होने में समय लगता है। इसके बाद जब आपका व्यापार बढ़ने लगे तो आप अन्य लाइसेंस और अनुमति ले ले।
पैकेजिंग:- कपूर की पैकेजिंग करने के समय खास ध्यान रखना पड़ता है। इसे एक एयर टाइट पैकेट या डब्बे में पैक किया जाता है क्योंकि यह एक शीघ्रवाष्पशील पदार्थ होता है।
आप इसे बेचने के लिए एक छोटे से पैकेट में 3 कपूर टेबलेट पैक करके और एक डब्बे में 15-20 कपूर टेबलेट पैक करके बेच सकते हैं। इनके मूल्य तये करते समय ध्यान रखे की आप अपने कॉम्पिटिटर्स से महंगे न बेचे।
मार्केटिंग:- कपूर का ज्यादा इस्तेमाल पूजा पाठ में होता है इसीलिए इसको ज्यादातर धार्मिक स्थलों और सर्वोपयोगी वस्तुओं की दुकान पर बेचे जा सकते हैं।