टूथब्रश बनाने का उद्योग, व्यापार की शुरुआत एवं उचित योजना।

परिचय:- आज कल लोग अपने स्वस्थ्य को लेके काफी सतर्क हो गये हैं और उन्हीं में से एक है अपने दांत के प्रति सतर्कता। दांतों की सही सफाई और सुरक्षा के लिए टूथब्रश का इस्तेमाल किया जाता है। आज के समय में बहुत कम ही लोग होंगे जो बिना टूथब्रश के दांतों की सफाई करते […]

कपूर उद्योग, व्यापार की शुरुआत एवं उचित योजना।

परिचय:- कपूर जिसका प्रयोग हर घर और हर मंदिर में किया जाता है, भारतीय संस्कृति में कपूर का धार्मिक महत्व प्राचीन काल से चला आ रहा है। यह काम्फोर लौरेल नामक पेड़ से पाए जाने वाली काम्फोर पाउडर से बनी एक क्रिस्टलीय ठोस पदार्थ है जो की विशेष तरह की तेज गंध देती है। इसके […]

कोरोना काल में जीवन रक्षक हैण्ड सेनेटाइज़र का व्यवसाय।

परिचय:- हैण्ड सेनेटाइज़र, जैसा की आप सभी जानते हैं, एक मार्ग के बंद होने के बाद अनेक नए मार्ग प्रसस्त होते हैं। कोरोना काल में जहाँ कुछ वस्तुओं के इस्तेमाल में भारी कमी देखने को मिली, वहीं कुछ वस्तुओं के ख़पत में इजाफा हुआ तथा वो हमारे दैनिक उपयोग में अपना स्थान सुनिश्चित कर चुका […]

सब्जी विशेष फसलबाजार का साप्ताहिक समाचार पत्र।

फसलबाज़ार आप सबों का अपने साप्ताहिक समाचार के साथ श्पस्वागत करता है। दोस्तों आप सबके सहयोग से हर दिन एक नए कीर्तिमान स्थापित कर पा रहे हैं। आप सबों के सहयोग से वेबसाइट की उपलब्धियाँ बढ़ती जा रही है। वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी तथा जानकरी की विशेषता और उपयोगिता को लोगों ने सराहा है। इस […]

बैंगन की खेती, उन्नत किस्में तथा व्यापारिक महत्व।

परिचय:- बैंगन की खेती अधिक ऊंचाई वाले स्थानों को छोड़कर भारत में लगभग सभी क्षेत्रों में प्रमुख सब्जी की फसल के रूप में की जाती है। यह वर्ष में दो बार उगाया जाता है, अक्टूबर नवंबर तथा जुलाई अगस्त। पौष्टिकता की दृष्टि से इसे टमाटर के समकक्ष समझा जाता है। बैंगन की हरी पत्तियों में […]

उड़द की खेती तथा इसके व्यापारिक महत्व।

उड़द एक महत्वपूर्ण भारतीय दलहन फसल है। औषधीय गुण होने के कारण यह गठिया तथा मानशिक रोग में लाभकारी है। हमारे धर्म ग्रंथो मे भी इसके गुणों का उल्लेख है। इसके व्यापारिक और औषधीय गुणों के कारण इसका उल्लेख “अर्थशास्त्र तथा चरक सहिंता” मे भी है। इसका उद्गम तथा विकास भारतीय उपमहाद्वीप मे ही पाया […]

मूंग की खेती, तथा इसके व्यापारिक महत्व।

परिचय:- भारत में मूंग ग्रीष्म और खरीफ दोनों मौसम में उगाया जाता है। यह कम समय में पकने वाली मुख्य दलहनी फसल है। इसका उपयोग प्रमुख रूप से आहार में किया जाता है। यह प्रोटीन का बहुत अच्छा श्रोत माना जाता है। मूंग में 24 से 26 प्रतिशत प्रोटीन, 55 से 60 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट और […]

केला की खेती तथा व्यापारिक दृष्टि से महत्व।

परिचय:- केला भारतवर्ष का प्राचीनतम स्वादिष्ट पौष्टिक पाचक एवं लोकप्रिय फल है। भारत देश में हर गाँव में केले के पेड़ पाए जाते हैं। केले के फल, वृक्ष और पत्ते सभी उपयोगी है। केले के वृक्ष की पूजा भी की जाती है। इसमें शर्करा एवं खनिज लवण और फॉस्फोरस प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। […]

दलहन की खेती के लिए भूमि का चुनाव, महत्व एवं व्यापार।

दलहन वो अन्न है जिससे दालें बनती है। यह वनस्पति में प्रोटिन का मुख्य स्रोत है। अरहर ,चना, मटर, मसूर और मूंग इसके कुछ उदाहरण हैं। अरहर:- दलहनी फसलों में अरहर की दाल का विशेष महत्व है। इसमें 20-21% तक प्रोटीन पाई जाती है। साथ ही इस प्रोटीन का पाचन भी अन्य प्रोटीन से अच्छा […]

कपास की खेती की तैयारी, इसके महत्व एवं व्यापार।

परिचय:- कपास की खेती भारत में की जाने वाली एक सबसे महत्वपूर्ण नकदी फसल है। यह देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अपनी एक अहम भूमिका निभाता है। दुनियाभर में भारत एक मात्र ऐसा देश है जहाँ का कपास विश्व में वस्त्र उत्पादन में कच्चा माल (सूती फाइबर) प्रदान करता है। बाजार में इसकी […]

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