अकाल और वैश्विक संकट के समय कुटीर उद्योग किसी भी देश के अर्थव्यवस्था की रीढ़ का कार्य करता है। भारत जैसे विकासशील देश के लिए तो कुटीर और लघु उद्योग इसके अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वैश्विक महामारी और अकाल के समय तो आवश्यक वस्तुओं की पूर्ति भी इन्हीं के द्वारा की जाती है। इसकी महत्वता को देखते हुए सरकारें अलग-अलग तरह की योजनाएं लाती रही है।
जैसे:- स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया, खादी के कपड़े को ब्रांड बनाने की मुहिम आदि।
लेकिन कोविड-19 वैश्विक महामारी के असर में कुटीर ऊद्योग एक जरूरत है। जो बेरोजगारी से बचने के एक मात्र उपाय भी है। इसके महत्व को देखते हुए तथा आने वाले भविष्य को ध्यान में रखते हुए। भारत के प्रधानमंत्री ने लोगों से लोकल की महत्वता को समझने का आवाहन किया है।
इस दौरान कोविड-19 से लड़ने के लिए 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की गई है। जिसमें 3 लाख करोड़ रुपये (MSME ) सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के उत्थान के लिए किया गया है।
इसके तहत लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय इस प्रकार हैं।
1) MSME को 3 लाख करोड़ रुपये का लोन गारंटी फ्री मिलेगा।
2)MSME की परिभाषा में संशोधन किया जाएगा।
3)निवेश की सीमा को बढ़ाया जाएगा।
4) कानून में बदलाव किया जाएगा।
इसके तहत भारत सरकार छह दशक पुराने आवश्यक वस्तु अधिनियम -1955 में संसोधन करने जा रही है। जिसके मद्देनज़र अनाज़, खाद्य तेल, तिलहन, दलहन, आलू और प्याज जैसे कृषि उपज को नियंत्रण मुक्त करने का फैसला लिया गया है।
जिसके फलस्वरूप कृषि कार्यों को भी बल मिलेगा तथा एक नई दिशा मिलेगी । जिससे कृषि आधारित कुटीर उद्योग के विकास में मदद मिलेगी।
कृषि से जुड़े कुटीर उद्योग के लिए आप हमारे और आर्टिकल देख सकते हैं। बदलते परिदृश्य को देखते हुए हम पुराने रास्ते पर भी नई तकनीक के साथ लौट सकते हैं।
अर्थात हम अपने पुराने कृषि कार्यो की तरफ तो लौट रहे हैं। लेकिन इसके साथ हमारे पास कृषि की जानकारी के साथ नई तकनीक की आवस्यकता है।
तकनीक के साथ हमें व्यापार के लिए ई- कॉमर्स से भी संबंध बना कर रखना होगा। तभी हम अपने लघु, कुटीर उद्योग को एक लाभदायक व्यापार के रूप में प्रदर्शित कर सकते हैं।
Great work guys..👍
Nice 👍👍👍