मत्स्य पालन एक व्यवसाय तथा इसके महत्व।

भूमिका:- मत्स्य पालन तटीय क्षेत्रों में सदा से आजीविका का एक महत्वपूर्ण स्त्रोत रहा है। मीठे जल में भी मत्स्य पालन में जबरदस्त आर्थिक क्षमता है। इसमें कृषि आधारित आजीविका के अन्य स्त्रोतों से बहुत अधिक फायदे हैं। इसमें ग्रामीण क्षेत्रों के परिवार अधिक कार्यरत हैं। देश में मीठे जल के मत्स्य पालन से होने […]

सोयाबीन की खेती, बुआई का समय एवं पैदावार।

परिचय:-  सोयाबीन एक खरीफ की फसल है। यह पोषण तथा स्वास्थ्य के लिए उपयोगी  है। इसमें कार्बोहाइड्रेट , वसा, प्रोटीन पाई जाती है। सोयाबीन भारत की महत्वपूर्ण तिलहनी और ग्रंथिय फसल है। यह  खाद्य तेल आपूर्ति में भी महत्वपूर्ण है। इसके कृषी क्षेत्रमें काफी वृद्धि हुई है, परन्तु प्रति उत्पादन बढ़ाना अब भी अति आवश्यक है। खाद्य […]

मक्का की खेती तथा इसके व्यापारिक लाभ।

परिचय:- मक्का विश्वभर में उगाई जाने वाली फसल है। मक्का को खरीफ की फसल कहा जाता है। बहुत से क्षेत्रों में इसको रवि के समय भी उगाया जाता है। इसके गुणकारी होने के कारण पहले की तुलना में आज के समय इसका उपयोग मानव आहर के रूप में ज्यादा होता है। इसके गुण इस प्रकार […]

चने की खेती, तथा इसके व्यापारिक महत्व।

परिचय:- चने की खेती हमारे देश में दलहनी फसलों में अपना प्रमुख स्थान रखती है। भारत विश्व का सबसे बड़ा चना उत्पादक देश है। क्षेत्रफल और उत्पादन दोनो ही दृष्टि में दलहनी फसलों में चने का मुख्य स्थान है। पूरे भारत में चना रबी फसल के रूप में उगाया जाता है। चना उत्पादन की नई उन्नत […]

मूंग की खेती, तथा इसके व्यापारिक महत्व।

परिचय:- भारत में मूंग ग्रीष्म और खरीफ दोनों मौसम में उगाया जाता है। यह कम समय में पकने वाली मुख्य दलहनी फसल है। इसका उपयोग प्रमुख रूप से आहार में किया जाता है। यह प्रोटीन का बहुत अच्छा श्रोत माना जाता है। मूंग में 24 से 26 प्रतिशत प्रोटीन, 55 से 60 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट और […]

दलहन की खेती के लिए भूमि का चुनाव, महत्व एवं व्यापार।

दलहन वो अन्न है जिससे दालें बनती है। यह वनस्पति में प्रोटिन का मुख्य स्रोत है। अरहर ,चना, मटर, मसूर और मूंग इसके कुछ उदाहरण हैं। अरहर:- दलहनी फसलों में अरहर की दाल का विशेष महत्व है। इसमें 20-21% तक प्रोटीन पाई जाती है। साथ ही इस प्रोटीन का पाचन भी अन्य प्रोटीन से अच्छा […]

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