फसल बाज़ार ने इस सप्ताह भारत सरकार के द्वारा चलाये जा रहे आत्मनिर्भर भारत का बीड़ा उठाया। किसानों तथा मौसम को ध्यान में रखते हुए खेती की जानकारी साझा की। इस खेती के तहत हमनें प्याज, आलू, खाने में प्रयोग किय जाने वाले तेल की विशेष रूप से चर्चा की।
चुकी भारत सरकार आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 में अमेंडमेंट की तैयारी में है। जिसके तहत आलू, प्याज, दलहन और तिलहन के लिए विशेष छूट की बात की जाएगी।
सबसे पहले हमने तेलहन फसलों की बात की, जिसमें अलसी ,सरसो, राई की बात की गई है। जिसके तेल भोजन में अत्यंत महत्वपूर्ण है।

वैसे हम सभी जानते हैं की कम कीमत होने के कारण भारत में पाम ऑयल का चलन बहुत अधिक है। लेकिन भारत ने नेपाल और बांग्लादेश से रिफाइंड पाम ऑयल के आयात पर रोक लगा दिया है। यह पावंदी मलेशिया पर पहले हीं लगाई जा चुकी है। जो भारत में पारंपरिक तिलहन के विकास में सहायक सिद्ध हो सकता है।
फिर हमने आलू की खेती की पूरी जानकारी आपके साथ साझा की है जिसमें आलू के बीज से पैदावार भण्डारण और व्यापार तक की जानकारी साझा की गई है।
तीसरे नंबर पे हमनें प्याज की बात की जो की सब्जियों का जायका बढ़ाने के साथ रुलाता भी है। कभी अपने अंदर पाए जाने वाले रसायनों की बदौलत काटने पर। कभी बढ़ी हुई कीमत के कारण खरीदने पर। ये एक चमत्कारी सब्जी है जो जेब से लेकर कुर्सी तक खाली करवा देता है।

हमनें प्याज की खेती की पूरी जानकारी साझा की जिसमें हमारे एक मित्र का सवाल आया इसके भण्डारण को ले कर। क्योंकि साधारण भण्डारण में भी प्याज सड़ते हैं। तो हमनें प्याज के व्यापारिक भण्डारण से ले कर आपके किचन तक के प्याज के भण्डारण की तकनीकों की बात की है।
इन बातों में हमें ये लगा कि रोस्टेड, या तले हुए प्याज का भण्डारण लघु उद्योग को एक नई दिशा दे सकती है। हमनें इसकी पूरी तकनीक बताई है। और अधिक विषय पर अधिक जानकारी के लिए आप हमें कमेंट कर सकते हैं। हम पूरी जानकारी उपलब्ध करवाएंगे तथा अन्य सहयोगों की भी कोशिश करेंगे।
Nice work 🙌🏻🙌🏻🙌🏻
Nice work keep it up 👌👍