सेमल या सेमर के वृक्ष के गुण तथा उसके लाभ।

सेमल अथवा सेमर का वृक्ष उन पेड़ों में से है, जिनका उपयोग लंबे समय से भिन्न-भिन्न कार्यो के लिए मनुष्य के द्वारा लगातार किया जा रहा है। यह कुदरती रूप से उगने वाला वृक्ष है जिसमें लाल रंग के फूल लगते हैं।

परिचय:- सेमल अथवा सेमर का वृक्ष उन पेड़ों में से है, जिनका उपयोग लंबे समय से भिन्न-भिन्न कार्यो के लिए मनुष्य के द्वारा लगातार किया जा रहा है। यह कुदरती रूप से उगने वाला वृक्ष है जिसमें लाल रंग के फूल लगते हैं। इसका फल केले के आकार का होता है, जो प्रारंभ में हरा तथा पकने के बाद भूरा हो जाता है।

सेमल का वृक्ष सामान्यतः 20-25 फुट के आस-पास होता है। सेमल की लकड़ी का उपयोग फर्नीचर बनाने में किया जाता है। मुख्य रूप से सेमल की लकड़ी का उपयोग पलाई बनाने में किया जाता है। सेमल का वृक्ष औषधीय गुणों से भरपूर है, इसके वृक्ष के हर हिस्से का उपयोग होता है।

सिमल का वृक्ष सामान्यतः 20-25 फुट के आस-पास होता है। सेमल की लकड़ी का उपयोग फर्नीचर बनाने में किया जाता है। मुख्य रूप से सेमल की लकड़ी का उपयोग पलाई बनाने में किया जाता है। सेमल का वृक्ष औषधीय गुणों से भरपूर है, इसके वृक्ष के हर हिस्से का उपयोग होता है।
सेमर


पौध रोपण:- सेमल के वृक्ष कुदरती रूप से बीजों के माध्यम से उगता है। आज कल इसे व्यापारिक रूप से बीजों और नर्सरी में पौधे उगाकर, दोनों माध्यम से उगाया जाता है। इन पौधों में सामान्य रूप से जल की आवश्यकता होता है, यह एक उष्णकटिबंधीय वृक्ष है।

वसंत के आगमन के साथ हीं इस पे फूल आने लगते हैं। जो अत्यंत खूबसूरत होता है इस लिए अक्सर इसे खूबसूरती के लिए भी घरों के आस-पास लगाते हैं।

व्यापारिक महत्व:- इसकी लकड़ियों की भी अच्छे क़ीमत है बाजारों में, पलाई बनाने वाली कंपनियों में इसके बहुत मांग हैं। औषधिय गुणों से भरपूर होने के कारण इसके फूल और छालों की आयुर्वेद में बहुत मांग है। दवा के रूप में इनके जड़ो का भी भरपूर इस्तेमाल होता है।

इसकी लकड़ियों के भी अच्छे क़ीमत है बाजारों में, पलाई बनाने वाली कंपनियों में इसके बहुत मांग हैं। औषधिय गुणों से भरपूर होने के कारण इसके फूल और छालों की आयुर्वेद में बहुत मांग है। दवा के रूप में इनके जड़ो का भी भरपूर इस्तेमाल होता है।
सेमर का वृक्ष

इसके फलों से कॉटन(रुई) निकलती है। अनेक बीमारियों में सिमल की रुई के तकियों पर सोने की सलाह दी जाती है। इसके कॉटन की काफी अच्छी कीमत मिलती है। इस कुदरती पौधे से अच्छे पैसे कमाया जा सकता है। जबकी इसकी अधिक देखभाल की भी ज़रूरत नहीं होती है।

सेमल के फायदे

बांधने वाले गुणों से भरपूर होने के कारण यह हमारे पेट से संबंधित समस्‍याओं का निवारण करने में हमारी बेहद मदद करता है। सेमल की गोंद में शांति दिलाने वाले एक टॉनिक के तमाम मौजूद रहते हैं।

इसका उपयोग पेचिस के उपचार के साथ फुफ्फुसीय तपेदिक में हेमोप्‍टाइसि, इन्‍फ्लूएंजा और मेनोर्रैगिया आदि के उपचार में भी किया जाता है।

स्वप्नदोष तथा वीर्य से संबंधित बीमारियों में इसकी जड़ों को अन्‍य जड़ी बूटीयों जैसे कि विदारीकंद, शतावरी और मिश्री के साथ इस्तेमाल किया जाता है।

चर्मरोग में सेमल की पत्तियों का उपयोग किया जाता है। इसकी पत्तियों को पीस कर पानी में मिलाकर पीना इसमें फायदेमंद है। सेमल की छाल के उपयोग से कील मुँहासे दूर हो जाते हैं।

शारिरिक दुर्बलता को कम करने में सेमल का फूल किसी औषधि से कम नहीं है। इसके फूल के डंठल वाले हिस्से को छाया में सुखाकर उसका पाउडर बना लें तथा उस पाउडर का इस्तेमाल दूध के साथ करें।

सेमल के इन गुणों के कारण इसका इस्तेमाल तथा इससे कमाई दोनो अच्छी की जा सकती है।

फसलबाज़ार

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