अजवाइन की खेती, उन्नत किस्में एवं व्यापारिक लाभ।

परिचय:- अजवाइन एक अत्यंत उपयोगी और महत्वपूर्ण मसाला है। यह औषधीय गुणों से भी भरपूर है। इसकी खेती सीधे तौर पे औषधीय फसल के रूप में की जाती है। अजवाइन का पौधा झाड़ीनुमा होता है, यह धनिया कुल की प्रजाति का पौधा है। इसके दानो में कई तरह के खनिज तत्वों का मिश्रण पाया जाता […]

जायफल की व्यापारिक खेती, किस्में एवं पैदावार।

परिचय:- जायफल एक सदाबहार वृक्ष है। इसकी उत्पत्ति का स्थान इंडोनेशिया का मोलुकास द्वीप माना जाता है। वर्तमान में इसे भारत के साथ-साथ अन्य कई देशों में उगाया जाता है। जायफल के कच्चे फलों का इस्तेमाल अचार, जैम, कैंडी बनाने में तथा सूखे फलों का इस्तेमाल सुगन्धित तेल, मसाले और औषधीय रूप में किया जाता […]

तेजपत्ता की खेती, महत्व तथा सरकारी सहायता।

परिचय:- यदी आप तेजपत्ता की खेती करने में दिलचस्पी रखते है तो आप बहुत आसानी से इसकी खेती और बेहतर कमाई कर सकते है। इसे अंग्रेजी में ‘बे लीफ‘ कहा जाता है। यह एक प्रकार का शुष्क और सुगन्धित पत्ता होता है। इसके ताजे और सूखे पत्तों का ज्यादातर उपयोग खाने को सुगंधित और स्वादिष्ट […]

लौंग की व्यापारिक खेती, पैदावार एवं औषधीय महत्व।

परिचय:- लौंग मसालों के रूप में प्रयोग की जाने वाली एक महत्वपूर्ण फसल है। इसका सर्वाधिक उपयोग मसलों के रूप में किया जाता है। यह औषधीय गुणों से भरपूर है, अतः इसे आयुर्वेदिक चिकित्सा में भी प्रयोग किया जाता है। सर्दियों के मौसम में इसका भरपूर प्रयोग किया जाता है। लौंग का पौधा एक सदाबहार […]

इलायची की खेती, महत्व, किस्में एवं लाभ।

परिचय:- इलायची उत्पादक देशों में भारत सर्वप्रथम है। भारत में इलायची के प्रमुख उत्पादक राज्य केरल, कर्नाटक और तमिलनाडु है। इस पौधे की खासियत यह है की यह पौधा पूरे साल हरा-भरा रहता है। इलायची का इस्तेमाल मुख शुद्धि तथा मसाले के रूप में किया जाता है। इलायची की खुशबू की वजह से इसका इस्तेमाल […]

गुड़हल फूल की खेती, औषधीय गुण तथा व्यापारिक महत्व।

परिचय:- गुड़हल (हिबिस्कस) फूल मल्लो परिवार मालवेशी से संबंधित है। यह औषधीय गुणों से भरपूर है, इसके व्यापक वैकल्पिक उपयोगों तथा गुणों के कारण इसकी खेती किसानों के लिए बहुत फायदेमंद है। इसे गुड़हल, अड़हुल अथवा जवाकुशुम के नाम से भी जाना जाता है। उपयोग:- इसका उपयोग विभिन्न संस्कृतियों द्वारा अनेक रूप में किया गया […]

पालक की व्यापारिक खेती, उन्नत किस्में एवं फायदे।

परिचय:- पालक की खेती का हरी सब्जी के फसलों में विशेष महत्व है। देश के लगभग सभी भागों में रबी, खरीफ तथा जायद तीनों मौसम में इसकी खेती बहुतायत में की जाती है। देशी पालक की पत्तियाँ चिकनी अंडाकार, छोटी एवं सीधी तथा विलायती की पत्तियों के सिरे कटे हुए होते हैं। देशी पालक में […]

वन करेला की खेती, किस्में एवं औषधीय गुण।

परिचय:- जंगली करेला या वन करेला (चठईल) की खेती हमारे देश के अनेक राज्यों में की जाती है। यह करेला की जंगली प्रजाति है, इसलिय इसे मीठा करेला भी कहते हैं। इसे कई और नाम से अलग-अलग स्थानो में जाना जाता है। जैसे- मीठा करेला, कँटीला परवल, करोल, भाट करेला, कोरोला, करटोली, ककोड़ा आदी। महत्व:- […]

आंवला की व्यापारिक खेती, पैदावार तथा भंडारण।

परिचय:- आंवला एक महत्वपूर्ण व्यापारिक तथा बहुवर्षीय फल वृक्ष है। यह औषधीय गुण व पोषक तत्वों से भरपूर प्रकृति की एक अभूतपूर्व देन है। आंवला के फलो में विटामिन सी, कैल्शियम, फास्फोरस, पोटेश्यिम व शर्करा प्रचुर मात्रा में पायी जाती है। इसके फलों का खाद्य तथा अन्य व्यापारिक कार्यों में उपयोग किया जाता है। इसका […]

चमेली की व्यापारिक खेती, किस्में एवं लाभ।

परिचय:- चमेली अपनी मनमोहक सुंगंध के कारण जाना जाता है और इसकी खेती व्यापक रूप से भी की जाती है। भारतीय महिलाओं को चमेली का माला पहनना बहुत पसंद होता है, अपने बालों और गहने के रूप में विशेष अवसर पर क्योंकि यह सुंदर, सुगन्धित एवं आकर्षक होते हैं। चमेली के पुष्पों का अपना विशेष […]

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