चौलाई की खेती, फायदे एवं व्यापारिक लाभ।

परिचय:- चौलाई का वनस्पतिक नाम ऐमारेन्थस ट्राईकलर है और यह ऐमारेन्थेसी कुल का है। चौलाई गर्म मौसम में उगाये जाने वाली एक पत्तियों वाली सब्जी है, जिसे भारत के अलावा दक्षिणी एवं मध्य अमेरिका, दक्षिणी पूर्वी एशिया, पश्चिम अफ्रीका और पूर्वी अफ्रीका में भी उगाया जाता है। इसकी खेती ज्यादातर हिमालय क्षेत्रों में की जाती […]

चायोट की खेती, फायदे तथा व्यापारिक लाभ।

परिचय:- चायोट ककड़ी वंश के सदस्य की सब्जी है जिसे वेजिटेबल नाशपाती, मर्लिटोन, चोको और कस्टर्ड मैरो आदि के नाम से भी जाना जाता है। यह लैटिन अमेरिका, विशेष रूप से दक्षिणी मेक्सिको और ग्वाटेमाला का मूल निवासी है, लेकिन अब फ्लोरिडा, लुइसियाना, दक्षिण-पश्चिमी संयुक्त राज्य अमेरिका, भारत, नेपाल और कई अन्य देश में भी […]

आलू की पारंपरिक तथा वैज्ञानिक खेती और व्यापार।

आलू को यदी सब्जियों का राजा कहें तो कोई ग़लती नहीं होगी। वैसे तो यह मूल रूप से अमेरिका की सब्ज़ी है। लेकिन भारत के सब्जियों का आधार आलू हीं है। बिना इसके हम आधे से अधिक भोज्य पदार्थ की कल्पना भी नहीं कर सकते। आलू की खेती भारत के 27 राज्यों में की जाती […]

कुटीर में कृषि की भूमिका तथा आलू का महत्व।

कोविड-19 वैश्विक महामारी के असर में कुटीर ऊद्योग एक जरूरत है। जो बेरोजगारी से बचने का एक मात्र उपाय भी है। कुटीर ऊद्योग की महत्वता को देखते हुए तथा आने वाले भविष्य को ध्यान में रखते हुए, भारत के प्रधानमंत्री ने लोगों से लोकल की महत्वता को समझने का आवाहन किया है। इसके तहत भारत […]

कटहल के उत्पाद तथा उनका व्यापार में महत्व।

परिचय:- यह एक सघन शाखायुक्त तथा बहुवर्षीय वृक्ष है। पेड़ पे होने वाले फलों में कटहल का फल विश्व में सबसे बड़ा होता है। यह 55 किलोग्राम तक का होता है। इसकी लंबाई 80 सेमी तथा  ब्यास 50 सेमी तक होता है। इसकी उत्पत्ती दक्षिणभारत  पश्चिमी घाट तथा मलेशिया के वर्षावन से हुई है। कटहल […]

भारत में बाजारों पर कोरोना के प्रभाव तथा मौसमी फल और सब्जियाँ।

कोरोना:- यह एक वैश्विक त्रासदी है। प्लेग के पश्चात ऐसी त्रासदी पहली बार आई है। जिससे पूरा विश्व ग्रस्त है। ना तो इसके विषय में अधिक जानकारी है न ही कोई दवा की उपलब्धता। बस हमें एक बात की जानकारी है सोशल डिस्टेंसिंग जिससे कोरोना से बचा जा सकता है। सोशल डिस्टेंसिंग :- इसका तात्पर्य […]

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