पशुपालन एक व्यवसाय और अर्थव्यवस्था मेंं महत्व।

परिचय:- पशुपालन कृषि विज्ञान की एक महत्वपूर्ण शाखा है। इसके अंतर्गत पालतू पशुओं के प्रत्येक पक्षों का अध्ययन किया जाता है। जैसे भोजन, आश्रय, स्वास्थ्य, प्रजनन आदि। आज के परिदृश्य में पशुपालन का पठन-पाठन विश्व के अनेक विश्वविद्यालयों में एक अत्यंत महत्वपूर्ण विषय के रूप में किया जा रहा है। भारत में महत्व:– भारतीय परंपराओं […]

सब्जी विशेष फसलबाजार का साप्ताहिक समाचार पत्र।

फसलबाज़ार आप सबों का अपने साप्ताहिक समाचार के साथ श्पस्वागत करता है। दोस्तों आप सबके सहयोग से हर दिन एक नए कीर्तिमान स्थापित कर पा रहे हैं। आप सबों के सहयोग से वेबसाइट की उपलब्धियाँ बढ़ती जा रही है। वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी तथा जानकरी की विशेषता और उपयोगिता को लोगों ने सराहा है। इस […]

सफेद कद्दू(पेठे) की खेती तथा इसका व्यापारिक महत्व।

परिचय:- सफेद कद्दू , पेठा कद्दू या सिझकुम्हरा ये कद्दू की ही एक प्रजाति है। ये बेलों पर फलती है। आपने आगरा के पेठे का नाम तो सुना हीं होगा, इसे चखने का मौका भी मिला होगा। आगरे का पेठा भारत के साथ पूरी दुनिया भर में मशहूर है। अतः इसकी मांग भारत के साथ […]

लोबिया की खेती, किस्में तथा व्यापारिक महत्व।

परिचय:- लोबिया हरी फली व, हरी खाद तथा सुखी बीज के रूप में प्रयोग में लाया जाता है। यह पूरे भारत में उगाये जाने वाली फसल है, इसका मूल अफ्रीका है। यह सूखे में भी उगने योग्य है एवं जल्दी उत्पन्न होने वाली फसल है। इससे मिट्टी में नमी बनी रहती है। लोबिया प्रोटीन, कैल्शियम […]

तोरई की फसल तथा इसके व्यापारिक महत्व।

परिचय:- वैसे तो तोरई की खेती सम्पूर्ण भारत में की जाती है। लेकिन तोरई के उत्पादन में केरल, उड़ीसा, कर्नाटक, बंगाल और उत्तर प्रदेश अग्रणी है, यह सब्जी बेल पर उगती है। इसकी भारत में हर जगह बहुत मांग है, यह अनेक प्रोटीनों के साथ स्वादिष्ट भी होती है। बढ़ती माँग को देखते हुए इसकी […]

मूली की खेती तथा इसके व्यापारिक महत्व।

परिचय:- मूली एक जड़ों वाली सब्जी है, यह एक उष्णकटिबंधीय फसल है। यह सयंमी क्षेत्र की फसल है, यह एक जल्दी उगने वाली तथा सदाबहार फसल है। इसकी खाद्य जड़ें सफेद से लाल रंग की होती हैं। पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, कर्नाटका, पंजाब तथा असम में मुख्य रूप से इसकी खेती की जाती है। […]

बीन्स की खेती तथा इसके व्यापारिक महत्व।

परिचय:- बीन्स लता वाले समूह का एक पौधा है, जिस पर लगने वाली फलियों को बीन्स कहते है। यह एक प्रमुख हरी सब्जी है। इसका रंग हरा, पीला और सफ़ेद होता है। जो अलग-अलग आकार में पाई जाती हैं, इसकी फलियों में औषधीय गुण पाए जाते हैं। अतः खाने से मनुष्य को कई रोगों से […]

करेला की खेती तथा इसके व्यापारिक महत्व।

परिचय:- हमारे देश में करेेेेलेे की खेती बहुत पुुुरानेे जमाने से होती आ रही है, ग्रीष्मकालीन सब्जियों में करेला अपना अलग महत्व रखता है। पौष्टिकता एवं औषधीय गुणों से परिपूर्ण होनेे के कारण यह काफी लोकप्रिय है। छोटे-छोटे टुकड़े करके धूप में सुखाकर रख लिया जाता हैं, जिनका बाद में बेमौसम की सब्जी के रूप […]

बैंगन की खेती, उन्नत किस्में तथा व्यापारिक महत्व।

परिचय:- बैंगन की खेती अधिक ऊंचाई वाले स्थानों को छोड़कर भारत में लगभग सभी क्षेत्रों में प्रमुख सब्जी की फसल के रूप में की जाती है। यह वर्ष में दो बार उगाया जाता है, अक्टूबर नवंबर तथा जुलाई अगस्त। पौष्टिकता की दृष्टि से इसे टमाटर के समकक्ष समझा जाता है। बैंगन की हरी पत्तियों में […]

फूलगोभी की जैविक खेती तथा इसके व्यापारिक महत्व।

परिचय:- फूलगोभी भारत की प्रमुख सब्जी है इसकी खेती पूरे भारतवर्ष में की जाती है। इससे किसान अत्याधिक लाभ उठा सकते है। इसको सब्जी, सूप और आचार के रूप में प्रयोग करते है। इसमे विटामिन बी की पर्याप्त मात्रा के साथ-साथ प्रोटीन भी पायी जाती है। जलवायु:- फूलगोभी के लिए ठंडी और आर्द्र जलवायु की […]

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