गेहूं की खेती, भूमि का चयन तथा व्यापारिक महत्व।
तरबूज की खेती, बुआई की विधि एवं व्यापारिक लाभ।
अनार की खेती, फायदे एवं व्यापारिक लाभ।
परिचय:- अनार की खेती ज्यादातर गर्म जगहों जैसे की महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में होती है। एक अनार का पौधा 3-4 वर्ष में पेड़ बन जाता है और 25 वर्ष तक फल दे सकता है। फायदे:- अनार के दानों में विटामिन ए, विटामिन बी-12, विटामिन डी, कैल्शियम, प्रोटीन, […]
सहजन की खेती, फायदे एवं व्यापारिक लाभ।
आत्मनिर्भर भारत, इस दिवाली घर को मिटटी के दियो से सजाएं।
चेरी की खेती, फायदे एवं व्यापारिक लाभ।
परिचय:- चेरी एक गुठलीदार खट्टा-मीठा फल है जिसकी ज्यादातर खेती यूरोप, अमेरिका, एशिया, तुर्की देशों में होती है। भारत में इसकी खेती उत्तर पूर्वी राज्यो में और उत्तर के कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड आदि राज्यों में की जाती है। चेरी को तीन वर्गो में विभाजित किया गया है:- प्रूनस एवियम जिसे मीठी चेरी कहते है, […]
स्ट्रॉबेरी की खेती, फायदे एवं व्यापारिक लाभ।
जामुन की खेती, फायदे एवं व्यापारिक लाभ।
परिचय:- जामुन एक सदाबहार वृक्ष है, जिसे हिंदुस्तान में देशी फसल के नाम से जाना जाता है। जामुन के लिए समशीतोष्ण और उष्णकटिबंधीय जलवायु वाली जगह अच्छी मानी जाती है। इसकी खेती इंडोनेशिया, फिलीपींस, भारत , म्यांमार, अफगानिस्तान और पाकिस्तान में होती है। भारत में जामुन की खेती ज्यादातर गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, आसाम और तमिलनाडु […]