धान पुआल मशरूम अथवा पैडीस्‍ट्रा खुम्‍बी की खेती।

परिचय:- धान पुआल अथवा पैड्डीस्ट्रा खुम्बी भी एक प्रचलित खुम्बी प्रकार है। जिसका उपयोग व्यापारिक मशरुम की खेती में किया जाता है। बाकी मशरूमों की तरह इसे भी हवादार कमरे या शेड में आसानी से उगाया जाता है। यह मुख्यरूप से समुद्रि तटों वाले स्थान पे उगाया जाता है, इसका रंग गहरा तथा स्वाद उत्तम […]

ढिंगरी या ऑयस्टर मशरुम उगाने की पूरी जानकारी।

परिचय:- यह भारत में पाई जाने वाली मशरूम की प्रजातियों में से एक है। इसकी खेती आसान और सस्ती है। ढिंगरी मशरूम में दूसरे मशरूम की तुलना में अधिक औषधीय गुण पाए जाते हैं। भारत के विभिन्न शहर जैसे दिल्ली, कलकत्ता, मुम्बई एवं चेन्नई जैसे महानगरों में इसकी बड़ी माँग है। जिसके फलस्वरूप इसके उत्पादन […]

भारत में अश्वगंधा की खेती, औषधीय गुण एवं इसके फायदे।

परिचय:- अश्वगंधा या असगंधा का वानस्पतिक नाम वीथानीयां सोमनीफेरा है। यह एक महत्वपूर्ण औषधीय फसल है साथ ही यह नकदी फसल भी है। यह पौधा ठंडे स्थानों को छोड़कर अन्य सभी स्थानों में पाया जाता है। मुख्य रूप से इसकी खेती मध्यप्रदेश के पश्चिमी भाग व निकटवर्ती राज्य राजस्थान में होती है। राजस्थान के नागौरी […]

बकरी पालन एक व्यवसाय एवं उपयोगी नस्लें।

एक परिचय:- बकरी पालन प्रायः सीमित साधन के साथ कम लागत, साधारण आवास, सामान्य रख-रखाव के साथ सामान्य पालन-पोषण के साथ किया जाता है। इसके उत्पाद की बिक्री के लिए बाजार ढूंढना नहीं पड़ता यह सर्वत्र उपलब्ध है। इसलिए पशुधन में बकरी का एक विशेष स्थान है। अतः महात्मा गाँधी बकरी को ‘गरीब की गाय’ […]

घृतकुमारी(एलोवेरा) की खेती, लागत एवं इसके फायदे।

परिचय:- घृतकुमारी को एलोवेरा के नाम से भी जाना जाता है। प्राचीन समय से चिकित्सा जगत में बीमारियों के उपचार के लिए इसका प्रयोग किया जा रहा है। इसके गुणों से हम सभी भली-भांति परिचित हैं तथा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से इसका उपयोग भी करते है। आयुर्वेदिक उद्योग में घृतकुमारी की मांग लगातार बढ़ती […]

तुलसी की व्यापारिक खेती एवं इसके औषधीय गुण।

तुलसी की खेती:- भारतीय रीति रिवाजो के अनुसार तुलसी एक पूजनीय पौधा है। हिन्दू धर्म के प्रत्येक लोग अपने घर में इसका पौधा लगाते है और पूजन करते है। इसका विशेष गुण यह भी है कि यह पौधा रात में भी ऑक्सीज़न ही उत्सर्जित करता है। यह एक औषधीय पौधा भी है, जिसकी पत्ति, तना, […]

बीन्स की खेती तथा इसके व्यापारिक महत्व।

परिचय:- बीन्स लता वाले समूह का एक पौधा है, जिस पर लगने वाली फलियों को बीन्स कहते है। यह एक प्रमुख हरी सब्जी है। इसका रंग हरा, पीला और सफ़ेद होता है। जो अलग-अलग आकार में पाई जाती हैं, इसकी फलियों में औषधीय गुण पाए जाते हैं। अतः खाने से मनुष्य को कई रोगों से […]

लौकी की खेती, सिंचाई तथा खास रोग व रोकथाम।

परिचय:- ताजगी से भरपूर लौकी एक खास सब्जी है। इसे बहुत तरह के व्यंजन जैसे रायता, कोफ्ता, हलवा व खीर वगैरह बनाने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं, यह औषधीय गुणों से भी भरपूर है। यह कब्ज को कम करने, पेट को साफ करने, खांसी या बलगम दूर करने में बहुत फायदेमंद है। इसके मुलायम […]

बैंगन की खेती, उन्नत किस्में तथा व्यापारिक महत्व।

परिचय:- बैंगन की खेती अधिक ऊंचाई वाले स्थानों को छोड़कर भारत में लगभग सभी क्षेत्रों में प्रमुख सब्जी की फसल के रूप में की जाती है। यह वर्ष में दो बार उगाया जाता है, अक्टूबर नवंबर तथा जुलाई अगस्त। पौष्टिकता की दृष्टि से इसे टमाटर के समकक्ष समझा जाता है। बैंगन की हरी पत्तियों में […]

खीरा की खेती, पैदावार तथा व्यापारिक महत्व।

परिचय:- खीरा की उत्पत्ति मूलतः भारत से ही हुई है, और लता वाली सब्जियों में इसका महत्वपूर्ण स्थान है। इसके फलों का उपयोग मुख्य रूप से सलाद के लिए किया जाता है। इसके फलों के 100 ग्राम खाने योग्य भाग में 96.3 प्रतिशत जल, 2.7 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट, 0.4 प्रतिशत प्रोटीन, 0.1 प्रतिशत वसा और 0.4 […]

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