आलू की पारंपरिक तथा वैज्ञानिक खेती और व्यापार।

आलू को यदी सब्जियों का राजा कहें तो कोई ग़लती नहीं होगी। वैसे तो यह मूल रूप से अमेरिका की सब्ज़ी है। लेकिन भारत के सब्जियों का आधार आलू हीं है। बिना इसके हम आधे से अधिक भोज्य पदार्थ की कल्पना भी नहीं कर सकते। आलू की खेती भारत के 27 राज्यों में की जाती […]

कुटीर में कृषि की भूमिका तथा आलू का महत्व।

कोविड-19 वैश्विक महामारी के असर में कुटीर ऊद्योग एक जरूरत है। जो बेरोजगारी से बचने का एक मात्र उपाय भी है। कुटीर ऊद्योग की महत्वता को देखते हुए तथा आने वाले भविष्य को ध्यान में रखते हुए, भारत के प्रधानमंत्री ने लोगों से लोकल की महत्वता को समझने का आवाहन किया है। इसके तहत भारत […]

कुटीर उद्योग में भविष्य एवं निवेश।

कुटीर उद्योग के विषय में अधिक जानकारी के लिए आप हमारे पिछले आर्टिकल को पढ़ सकते हैं। अब सवाल ये उठता है की कुटीर उद्योग के गुण क्या हो सकतें हैं ? उसमें निवेश कितने का किया जा सकता है? कुछ कुटीर ऊद्योग जो आप कम-से- कम पूँजी में अपनें परिवार के साथ अपने घर […]

कुटीर उद्योग का चुनाव एवं व्यापारिक दृष्टि।

कुटीर उद्योग क्या है, इसके कितने प्रकार हैं। क्या महत्व है? आदी के लिए पिछले आर्टिकल को पढ़ सकते हैं।कुटीर उद्योग का चुनाव कैसे किया जाए? हमारा उद्योग क्या हो जिससे हम व्यापारिक दृष्टि से भी सुदृढ बनें। ये सवाल बहुत ही महत्वपूर्ण है आज के परिदृश्य में किस प्रकार के उद्योगों को चुना जाना […]

तिलहन में महत्वपूर्ण सरसों परिचय, खेती और व्यापार।

विश्व में तिलहन वाली प्रमुख फसलें मूंगफली, सरसों, सोयाबीन एवं सूरजमुखी है। भारत में तिलहनी फसलों के रूप में मुख्य रूप से मूंगफली, सोयाबीन, सरसों, सूरजमुखी, कुसुम, अरण्डी, तिल एवं अलसी उगाई जाती है। परिचय:- खाद्य तेलों में सरसों भारत में किसानों के बीच सबसे अधिक लोकप्रिय है। यह एक वर्षीय शाक जाती का पौधा […]

अलसी या तीसी का पौष्टिक महत्व खेती और व्यापार।

परिचय:- विश्व भर में भारत का तिलहन उत्पादन में एक महत्वपूर्ण योगदान है। तिलहन क्षेत्र, उत्पादन और मूल्य के मामले में अनाज़ के बाद ही आते हैं। तिलहन में अलसी का एक महत्वपूर्ण स्थान है। इसे अंग्रेजी में लिनसीड यानी अति उपयोगी बीज भी कहा जाता है। यह विश्व की छठी सबसे बड़ी तिलहन फसल है। […]

तिलहन की खेती, परिचय और व्यापार।

तिलहन उन फसलों को कहते हैं जिनसे वनस्पति तेल का उत्पादन होता है। जिसमें महत्वपूर्ण हैं तिल, सरसो, मूँगफली, सोया, सूरजमुखी, नारियल और कुसम। तिलहन फसलों को कम पानी की आवस्यकता होती है। इसकी खेती अनुपजाऊ भूमि तथा कम वर्षा वाले क्षेत्रों में की जाती है। क्षेत्रफल की दृष्टि से खाद्यान्न फसलों के बाद तिलहन […]

कटहल के उत्पाद तथा उनका व्यापार में महत्व।

परिचय:- यह एक सघन शाखायुक्त तथा बहुवर्षीय वृक्ष है। पेड़ पे होने वाले फलों में कटहल का फल विश्व में सबसे बड़ा होता है। यह 55 किलोग्राम तक का होता है। इसकी लंबाई 80 सेमी तथा  ब्यास 50 सेमी तक होता है। इसकी उत्पत्ती दक्षिणभारत  पश्चिमी घाट तथा मलेशिया के वर्षावन से हुई है। कटहल […]

कच्चे आमों के उत्पाद तथा उनका व्यापार में महत्व।

आम भारत का एक महत्ववपूर्ण फल है। इसके बाग दक्षिण में कन्याकुमारी से उत्तर में हिमालय की तराई तक है। पश्चिम में पंजाब से पूर्व में आसाम तक, अधिकता से होता है। अनुकूल जलवायु मिलने पर इसका वृक्ष 50-60 फुट की ऊँचाई तक पहुँच जाता है। इसके पेड़ से ले कर फल तक इस्तेमाल करने योग्य होता […]

भारत में लीची की खेती का विकास

इतिहास, माना जाता है कि लीची सबसे पहले चीन में 1059 में जंगली पौधे से बागों तक पहुंची। चीन में लीची को प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है। करीब 700 साल तक बाकी दुनिया में लीची को लेकर कोई जानकारी नहीं थी। 18वीं सदी की शुरुआत में फ्रांसीसी यात्री पियरे सोन्नरे ने दक्षिणी चीन की अपनी यात्रा […]

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