अनानास की व्यापारिक खेती, महत्व एवं लाभ।

परिचय:- अनानास विश्व प्रसिद्ध तथा महत्वपूर्ण फलों में से एक है। इसकी खेती मुख्य फसल या अन्तर फसल के रूप में की जा सकती है। यह स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण फसल है। इस फल में सभी प्रकार के लवण तथा विटामिन ए, बी एवं सी पाये जाते हैं। इसका सीधे उपयोग में लाने […]

सेब की खेती, रोग की रोकथाम तथा पैदावार।

परिचय:- विश्व में भारत का सेब की खेती में नौवां स्थान है। भारत में सेब के प्रमुख उत्पादक राज्य जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तरांचल तथा अरूणाचल प्रदेश है। यह शीतोष्ण फलों में से एक है। सेब अपने विशिष्ट स्वाद, सुगन्ध, रंग व अच्छी भण्डारण क्षमता के कारण प्रमुख स्थान रखता है। सेब कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन […]

संतरे की खेती, उपयुक्त जलवायु, किस्में तथा पैदावार।

परिचय:- संतरा भारत में उगाई जाने वाली एक नींबूवर्गीय फल है। नींबूवर्गीय फलों में से 50 प्रतिशत केवल संतरे की खेती की जाती है। भारत में संतरा और माल्टा की खेती व्यवसायिक रूप से की जाती है। भारत में फलों की पैदावार में केले और आम के बाद संतरे का तीसरा स्थान है। भारत में […]

अमरूद की खेती, उपयुक्त जलवायु, किस्में तथा पैदावार।

परिचय:- अमरूद बहुतायत में पाया जाने वाला एक लोकप्रिय फल है। इसकी बागवानी भारतवर्ष के लगभग सभी राज्यों में की जाती है। बिना अधिक संसाधनों के भी हर वर्ष अधिक उत्पादन देने के कारण यह पर्याप्त आर्थिक लाभ देता है। लाभ को देखते हुए बड़े पैमाने पर किसान अमरूद की व्यावसायिक बागवानी करने लगे हैं। […]

कोदो, कुटकी गरीबों के लिए जीवन रक्षक फसल।

परिचय:- इसे मुख्य रूप से गरीबों और आदिवाशी क्षेत्रों का फसल माना जाता है। कोदो, कुटकी उस समय लगाई जाने वाली खाद्यान फसलें हैं जिस समय पर उनके पास किसी अन्य प्रकार के अनाज खाने को उपलब्ध नहीं हो पाता था। अगस्त-सितम्बर के प्रारंभ में पक कर तैयार होने वाली ये फसलें ऐसे समय में […]

बाजरा की खेती एक परिचय तथा व्यापारिक महत्व।

बाजरा भारत में उगाई जाने वाली एक ऐसी फसल है जो विपरीत परिस्थिति एवं सीमित वर्षा वाले क्षेत्रो तथा बहुत कम उर्वरको की मात्रा के साथ उगाई जाती है। यह मुख्य रूप से शुष्क एवं अर्द्धशुष्क क्षेत्रो मे उगाई जाती है। क्षेत्रो के लिए बाजरा दाने एवं चारे का मुख्य श्रोत माना जाता है। यह […]

रागी की उन्नत खेती तथा उपयुक्त किस्में।

परिचय:- रागी, इसे अनेक क्षेत्रों में मरुआ के नाम से भी जाना जाता है। इसमें प्रचुर मात्रा में कैल्सियम पायी जाती है। जिसका उपयोग करने पर हड्डियां मजबूत होती है। प्रोटीन, वसा, रेषा व कार्बोहाइड्रेट से भरपूर रागी बच्चों एवं बड़ों दोनों के लिये उत्तम आहार है। कैल्सियम व अन्य खनिज तत्वों की भरपूर मात्रा […]

गन्ना की खेती से किसान के मुनाफे में वृद्धि।

जहाँ एक ओर किसान ग़लत विधि से खेती करने के कारण खेती में लगातार हो रहे नुकसान से परेशान हैं। वहीं कुछ लोग किसानी को अपना पेशा बना रहे हैं। वह आंनद से खेती करते हैं लगातार नए-नए तरीकों का प्रयोग करते हैं। तथा खेती से भरपूर फ़ायदा कमाने के साथ-साथ रोज़गार का भी सृजन […]

धनिया की खेती, किस्में, उपयोग एवं महत्व।

परिचय:- भारत देश को सदियों से ”मसालों की भूमि” के नाम से जाना जाता है। धनिया भारत का एक महत्वपूर्ण मसाला है, जिसके बीज एवं पत्तियां दोनों भोजन को सुगंधित एवं स्वादिष्ट बनाने के काम आते हैं। इसका बीज औषधीय गुणों से परिपूर्ण है। यह अम्बेली फेरी अथवा गाजर कुल का एक वर्षीय मसाला फसल […]

दालचीनी की खेती, पौध सुरक्षा तथा उपयोग।

परिचय:- दालचीनी भारत के पुराने मसालों में से एक है। यह वृक्ष की शुष्क आन्तरिक छाल की पैदावार है। दालचीनी का मूल श्रीलंका माना जाता है। भारत में इसकी खेती केरल एवं तमिलनाडू में की जाती है। यह वृक्ष कम पोषक तत्व वाले लैटेराइट तथा बलुई मृदा में उगाए जा सकते हैं। यह मुख्यत: वर्षा […]

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