बटन मशरूम की खेती, बिजाई तथा व्यापार।

परिचय:- मशरूम एक फफूंदी प्रजाति का पौधा है। यह बरसात में हमारे यहाँ यत्र – तत्र देखने को मिल जाती है। जिसका प्रयोग हमारे पूर्वज द्वारा वर्षों से खाद्य पदार्थ तथा औषधि के रूप में की जाती है। यह छत्ते के आकार का होता है, तथा प्रोटीन और अन्य पोषक तत्वों से परिपूर्ण होता है। […]

मेथी की खेती, बीजोपचार तथा बुुआई की विधि।

परिचय:- राजस्थान तथा गुजरात मेथी पैदा करने वाले राज्यों में अग्रणी है। 80 फीसदी से अधिक मेथी का उत्पादन इन दोनों राज्यों में होता है। इसकी खेती मुख्यतः रबी मौसम में की जाती है, दक्षिण भारत में इसकी खेती बारिश के मौसम में की जाती है। यह औषधीय गुणों से भरपूर भोज्यपदार्थ है। इसका उपयोग […]

कड़ी पत्ते की व्यापारिक खेती, सिंचाई और फायदे।

परिचय:- कड़ी पत्ते को मीठा नीम के नाम से भी जाना जाता है। इसका पौधा देखने में कड़वे नीम की तरह ही होता है, लेकिन इसकी पत्तियां किनारों पर से कटी हुई नही होती। इसके पेड़ की ऊंचाई अधिकतम 15 से 20 फिट तक होती है। इस पौधे को लगभग 2 मीटर तक ही बढ़ने […]

सफेद कद्दू(पेठे) की खेती तथा इसका व्यापारिक महत्व।

परिचय:- सफेद कद्दू , पेठा कद्दू या सिझकुम्हरा ये कद्दू की ही एक प्रजाति है। ये बेलों पर फलती है। आपने आगरा के पेठे का नाम तो सुना हीं होगा, इसे चखने का मौका भी मिला होगा। आगरे का पेठा भारत के साथ पूरी दुनिया भर में मशहूर है। अतः इसकी मांग भारत के साथ […]

तोरई की फसल तथा इसके व्यापारिक महत्व।

परिचय:- वैसे तो तोरई की खेती सम्पूर्ण भारत में की जाती है। लेकिन तोरई के उत्पादन में केरल, उड़ीसा, कर्नाटक, बंगाल और उत्तर प्रदेश अग्रणी है, यह सब्जी बेल पर उगती है। इसकी भारत में हर जगह बहुत मांग है, यह अनेक प्रोटीनों के साथ स्वादिष्ट भी होती है। बढ़ती माँग को देखते हुए इसकी […]

मूली की खेती तथा इसके व्यापारिक महत्व।

परिचय:- मूली एक जड़ों वाली सब्जी है, यह एक उष्णकटिबंधीय फसल है। यह सयंमी क्षेत्र की फसल है, यह एक जल्दी उगने वाली तथा सदाबहार फसल है। इसकी खाद्य जड़ें सफेद से लाल रंग की होती हैं। पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, कर्नाटका, पंजाब तथा असम में मुख्य रूप से इसकी खेती की जाती है। […]

बीन्स की खेती तथा इसके व्यापारिक महत्व।

परिचय:- बीन्स लता वाले समूह का एक पौधा है, जिस पर लगने वाली फलियों को बीन्स कहते है। यह एक प्रमुख हरी सब्जी है। इसका रंग हरा, पीला और सफ़ेद होता है। जो अलग-अलग आकार में पाई जाती हैं, इसकी फलियों में औषधीय गुण पाए जाते हैं। अतः खाने से मनुष्य को कई रोगों से […]

करेला की खेती तथा इसके व्यापारिक महत्व।

परिचय:- हमारे देश में करेेेेलेे की खेती बहुत पुुुरानेे जमाने से होती आ रही है, ग्रीष्मकालीन सब्जियों में करेला अपना अलग महत्व रखता है। पौष्टिकता एवं औषधीय गुणों से परिपूर्ण होनेे के कारण यह काफी लोकप्रिय है। छोटे-छोटे टुकड़े करके धूप में सुखाकर रख लिया जाता हैं, जिनका बाद में बेमौसम की सब्जी के रूप […]

लौकी की खेती, सिंचाई तथा खास रोग व रोकथाम।

परिचय:- ताजगी से भरपूर लौकी एक खास सब्जी है। इसे बहुत तरह के व्यंजन जैसे रायता, कोफ्ता, हलवा व खीर वगैरह बनाने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं, यह औषधीय गुणों से भी भरपूर है। यह कब्ज को कम करने, पेट को साफ करने, खांसी या बलगम दूर करने में बहुत फायदेमंद है। इसके मुलायम […]

बैंगन की खेती, उन्नत किस्में तथा व्यापारिक महत्व।

परिचय:- बैंगन की खेती अधिक ऊंचाई वाले स्थानों को छोड़कर भारत में लगभग सभी क्षेत्रों में प्रमुख सब्जी की फसल के रूप में की जाती है। यह वर्ष में दो बार उगाया जाता है, अक्टूबर नवंबर तथा जुलाई अगस्त। पौष्टिकता की दृष्टि से इसे टमाटर के समकक्ष समझा जाता है। बैंगन की हरी पत्तियों में […]

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