कोदो, कुटकी गरीबों के लिए जीवन रक्षक फसल।

परिचय:- इसे मुख्य रूप से गरीबों और आदिवाशी क्षेत्रों का फसल माना जाता है। कोदो, कुटकी उस समय लगाई जाने वाली खाद्यान फसलें हैं जिस समय पर उनके पास किसी अन्य प्रकार के अनाज खाने को उपलब्ध नहीं हो पाता था। अगस्त-सितम्बर के प्रारंभ में पक कर तैयार होने वाली ये फसलें ऐसे समय में […]

दालचीनी की खेती, पौध सुरक्षा तथा उपयोग।

परिचय:- दालचीनी भारत के पुराने मसालों में से एक है। यह वृक्ष की शुष्क आन्तरिक छाल की पैदावार है। दालचीनी का मूल श्रीलंका माना जाता है। भारत में इसकी खेती केरल एवं तमिलनाडू में की जाती है। यह वृक्ष कम पोषक तत्व वाले लैटेराइट तथा बलुई मृदा में उगाए जा सकते हैं। यह मुख्यत: वर्षा […]

नींबू की खेती, किस्में, जलवायु एवं मिट्टी।

परिचय:- नींबू, लाईम अथवा लेमन की खेती उष्णकटिबंधीय तथा उप-उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में व्यापारिक रूप से की जाती है। जहाँ इस जाति में नींबू तीसरा मुख्य फसल है। नींबू के उत्पादन में भारत का स्थान विश्व में 5वाँ है। वहीं एसिड लाईम के उत्पादन में भारत का स्थान पहला है। इसका उत्पादन लगभग भारत के सभी […]

ओल(सूरन) की खेती तथा व्यापारिक लाभ।

परिचय:- भारत में ओल की खेती औषधीय फसल के रूप में की जाती है। इसे जिमीकंद या सूरन के नाम से भी जाना जाता है। हमारे घरों में इसकी सब्जी और चटनी के रूप में इसका इस्तेमाल किया जाता है। ओल में कार्बोहाइड्रेट, खनिज, कैल्शियम, फॉस्फोरस समेत अनेक तत्व पाए जाते है। आयुर्वेदिक दवाओं के […]

पपीता की वैज्ञानिक खेती एवं व्यापारिक महत्व।

परिचय:- पपीते का फल गोलाकार तथा लंबा होता है। इसके गुद्दे पीले तथा गुद्दों के मध्य काले बीज होते हैं। यह एक सदाबहार मधुर फल है, पपीता स्वादिष्ट और रुचिकर होने के साथ स्वास्थ्य के लिए भी उपयोगी है। यह हमारे देश में सभी जगह उत्पन्न होता है। वृक्ष के ऊपरी हिस्से में पत्तों के […]

जेट्रोफा (रतनज्योत) की व्यापारिक खेती, एवं उन्नत किस्में।

परिचय:- जेट्रोफा (रत्नज्योत) के तेल का इस्तेमाल ईंधन, औषधि, जैविक खाद, रंग बनाने में किया जाता है। इसके भूमि सूधार, भूमि कटाव को रोकने में, खेत की मेड़ों पर बाड़ के रूप में महत्व है। यह बदलते परिदृश्य में रोजगार की संभावनाओं को बढ़ानें में उपयोगी साबित हुआ है। यह बायो-डीजल का स्रोत है जिसमें […]

अरण्डी की खेती, फायदे तथा व्यापारिक परिचय।

परिचय:- अरण्डी औषधीय गुणों से भरपूर है। इसके तेल का उपयोग अनेक बीमारियों में अचूक दवा के रूप में किया जाता है। अरण्डी का तना कीटनाशक बनाने के काम में आता है। इसके पत्तों तथा जड़ों का दवाओं के निर्माण में प्रयोग किया जाता है। मिश्रित फसल की बुआई में अरण्डी के नीचे वाली फसल […]

सूरजमुखी की खेती, बुआई का समय तथा आमदनी।

परिचय:- सूरजमुखी एक महत्वपूर्ण तिलहन फसल है इसकी खेती खरीफ, रबी एवं जायद तीनो ही मौसम में की जा सकती है। लेकिन उत्तर भारत में जायद में ही इसकी खेती ज्यादातर की जाती है, और यही समय उपयुक्त भी रहता है। क्योंकि इस मौशम में मधुमक्खी अधिक होती है। जो इसकी उपज के लिए अनिवार्य […]

मूंगफली की खेती, किस्में, खुदाई एवं भण्डारण।

परिचय:- मूंगफली तिलहन की एक महत्वपूर्ण फसल है। ये भारत के विभिन्न प्रान्तों में सफलतापूर्वक उगाई जाती है। इसे तेल तथा खाद्यान्न दोनो रूप में इस्तेमाल किया जाता है। मूंगफली के तेल में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन-बी, विटामिन-सी, कैल्शियम, मैग्नेशियम, जिंक फॉस्फोरस और पोटाश जैसे खनिज तत्व प्रचुर मात्रा में पाये जाते है। इसकी खेती गुजरात, […]

पत्ता गोभी की व्यापारीक खेती तथा पैदावार।

परिचय:- पत्ता गोभी रबी मौसम की एक बहुत ही महत्वपूर्ण सब्जी है। पत्तेदार होने के कारण हरी सब्जियों में यह उत्तम माना जाता है। इसे पका कर तथा कच्चे रूप में भी इस्तेमाल में लाया जाता है। यह पुर्तगालीयों द्वारा भारत में लाया गया है। इसे बन्धा तथा बंद गोभी के नाम से भी जाना […]

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